सामाजिक उद्यमिता क्या है? | What is Social Entrepreneurship?

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नमस्कार दोस्तों फिर से स्वागत है आपका आपके ही इस वेबसाइट skillinfo.in पर जहां हम रोजाना आपको कुछ नया सिखाते हैं। आज हम सीखने वाले हैं सोशल एंटरप्रेन्योरशिप क्या होती है, और इसके कई अन्य भाग और इससे जुड़े गए सवाल और उनके जवाब।  सोशल एंटरप्रेन्योरशिप को हम सामाजिक उद्यमिता भी  कहते हैं। आज के इस आर्टिकल में यह भी जानेंगे गी इसकी बाहरी कड़ियां  क्या है?  और इसका पूरी तरह से विस्तार में विवरण।  तो चलिए शुरू करते हैं। 

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सामाजिक उद्यमिता क्या है ? | What is Social Entrepreneurship?

एक सीधे और सरल भाषा में कहे तो सामाजिक उद्यमिता का कार्य करने वालों को सामाजिक उद्यमि  व्यक्ति कहा जाता है। वह लोगों की अपनी अपनी नजरों में समाज के किसी एक समस्या को लेकर उसका विवरण करने  की पहचान करवाता है। उसी के बाद सामाजिक उद्यमिता का सहारा लेते हुए और उनके सिद्धांतों पर चलते हुए वह समाज में कुछ ऐसे परिवर्तन करते हैं जिससे सामाजिक समस्या का हल  काफी आसानी से निकल आए। 

जहां हम व्यापार का उदाहरण लेते हुए व्यापारिक उद्यमिता मापने के लिए उसकी लाभ और हानी राशि  के आधार पर उसका नतीजा निकालते हैं, वैसा सामाजिक उद्यमिता में नहीं होता।  सामाजिक उद्यमिता में  उत्तीर्ण होने के लिए  उनकी सफलता और असफलता दोनों मिलाकर देखी जाती है। 

जहां तक आपने देखा होगा कई सारे सामाजिक उद्यमिता बिना स्वतः अपने लाभ की चिंता किए बिना समाज के लोगों के लिए अपना समय देते हैं।  ज्यादातर सामाजिक उद्यमि  व्यक्ति  किसी एक संस्था या किसी सामाजिक ग्रुप का या किसी समूह का हिस्सा बनकर लोगों की सेवा करते हैं, और उनकी समस्याओं का हल निकालते हैं। 

पिछले 2 सालों से जो  पांडेमिक की सिचुएशन आई थी, यानी जब कोरोनावायरस अपनी चरम सीमा पर था तो लोगों को मदद की काफी आवश्यकता थी, उस समय जब सब लोग अपनी जान की फ़िक्र लेकर घर बैठे थे, वहां सामाजिक उद्यमिता ने अपनी एक अहम भूमिका निभाई।  उन्होंने जरूरतमंदों को अनेक प्रकार की मदद की चाहे वह दवाई या पैसे की हो।  भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों  मैं भी सामाजिक उद्यमिता ने लोगों को हौसला देते हुए काफी मदद की। 

हमने सामाजिक उद्यमिता क्या होती है यह तो इस तो  विस्तार में जान लिया लेकिन अब हम जानते हैं कि सामाजिक उद्यमिता या फिर उद्यमी और उनके महत्व क्या होते हैं। 

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सामाजिक उद्यमिता के महत्व | Importance of Social Entrepreneurship

वैसे तो सामाजिक उद्यमिता के अलग-अलग सेक्टर में  अलग-अलग महत्व होते हैं, लेकिन आज  विस्तार में जानते हैं स्टेप बाय स्टेप की क्या है वह महत्वपूर्ण सामाजिक उद्यमिता की महत्व। 

समाज के समस्याओं पर ध्यान :-

सामाजिक उद्यमी किसी भी संस्था या ग्रुप को ज्वाइन कर कर सामाजिक उद्यमिता का काम कर सकता है।  आमतौर पर सामाजिक उद्यमिता का मुख्य मकसद समाज  की समस्याओं का निवारण निकालना होता है।  जहां कहीं समाज में तकलीफ या किसी को मदद की आवश्यकता हो सामाजिक उद्यमी वहां पहुंच ही जाता है,  उनका कोई भी मकसद वयक्तिक लाभ नहीं होता।  कई सारे शहरों में सामाजिक उद्यमिता केंद्र मौजूद है जहां जाकर आप अपनी समस्याओं का निवारण निकाल सकते हैं। 

समाज में परिवर्तन लाना:-

आज के इस आधुनिक युग में भी कई सारे गांव और उद्यान है जहां पर समाज को सुधारने की या उनमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।  सामाजिक उद्यमी किसी भी संस्था के साथ से जुड़कर कड़े नियम और कानून बना सकता है, जोकि समाज में परिवर्तन लाने की एक पहलू है, जिस पर हम सभी को  उनका साथ देना आवश्यक है। 

वे कई बार समाज के  अनुभवी व्यक्तियों से बातचीत कर कर इसकी अंग करण का प्रस्ताव रखते हैं।  कई सारे त्यौहार और अवसर  जो हमें मनाने चाहिए वह कई आदिवासी इलाकों में नहीं मनाया जाते वहां तक उन्हें पहुंचाना यह भी एक सामाजिक उद्यमिता का हिस्सा आता है, और प्रत्यय सामाजिक उद्यमी को यह करना चाहिए। 

समाज के लोगों में सुधार लाना:-

आजकल जहां युवा पीढ़ी कई सारे बड़े व्यक्ति जैसे  एलॉन मुस्क, या जैफ बेजॉस जैसे लायक हो अपना आइडल मानती है, और उनकी कमाई देखकर अपने आप को प्रोत्साहन देती हैं।  वहां समाज के दूसरी तरफ भी कई ऐसे लोग हैं जो कि सामाजिक  उद्यमी को अपना आदर्श मानते हैं। 

 मोहम्मद यूनुस जो कि एक नोबेल शांति पुरस्कार के धारक है वह भी एक  सामाजिक उद्यमी थी, लेकिन काफी कम ही लोग इनके बारे में जानते हैं, जो कि काफी शर्म की बात है।  आजकल के युवा समाज को इन बड़े व्यक्तिमत्व से लोगों की किसी मदद की जाती है इसका सबक अवश्य लेना चाहिए। 

सामाजिक उद्यमिता में इंटरनेट की भूमिका 

 कई सारे सामाजिक उद्यमियों, और संस्थानों ने कई पहले से ही इंटरनेट का सहारा लेते हुए अपने सामाजिक कार्यों को करने के लिए इंटरनेट का सहारा लेना शुरू कर दिया था।  करीबन 2000 से सामाजिक उद्यमिता में इंटरनेट का चलन काफी मशहूर हो लगा, जिससे छोटे-छोटे ऑर्गेनाइजेशन और पब्लिक ग्रुप्स भी बड़े ऑर्गेनाइजेशंस में ज्वाइन होने लगे समाज के लोगों को काफी आसानी से और जल्दी मदद मिलने लगी। 

सामाजिक उद्यमिता में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है सहयोग, जोकि काफी कम लोग प्रदान कर पाते हैं, लेकिन इंटरनेट के माध्यम से सामाजिक उद्यमियों को सहयोग करना काफी आसान हो चुका है।  इसकी मदद से उनका हौसला भी बढ़ जाता है और वह काफी फक्र भी महसूस करते हैं। 

सामाजिक उद्यमिता में सूचना प्रसार भी काफी जरूरी होता है जो इंटरनेट के माध्यम से काफी कम समय में काफी अधिक लोगों तक पहुंचा सकते हैं। कई लोग अन्य देशों  के सामाजिक उद्यमिता केंद्र में ऑनलाइन जुड़े हुए हैं, और वह लोग जितना हो सके उतना मदद करने की कोशिश करते हैं।  यह आप भी काफी आसानी से घर बैठकर अपने मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से कर सकते हैं। 

 ऐसे बहुत सारे उदाहरण सामने आए हैं जहां पर, लघु उद्योग करने वाले व्यक्ति जिन्हें पैसों की सख्त आवश्यकता होती है।  उनकी मदद करने के लिए कई सारे सामाजिक  उद्यमी इंटरनेट के माध्यम से पैसों का प्रबंध करते हैं।  ताकि उन गरीब  आदमियों की मदद की जा सके।  

अगर आपको भी इन ऑर्गेनाइजेशंस से जुड़कर लोगों की कुछ मदद करनी है तो आप इनके सोशल मीडिया हैंडल  पर इन्हें फॉलो कर सकते हैं, जहां आपको जरूरतमंद लोगों की मदद करने का अवसर प्राप्त होगा। 

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निष्कर्ष:-

जैसे हर एक विभाग में परिवर्तन और बढ़ोतरी हो रही है, वैसे ही हमें सामाजिक उद्यमिता में भी लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा।  इसके लिए हमारी राज्य सरकार ने भी कई सारे कॉरपोरेट सामाजिक उद्यमिता सेंटर भी बनाए हैं जिसकी मदद से आप डायरेक्ट सरकार के नीचे रह कर सामाजिक समस्याओं का निवारण कर सकते हो। 

सामाजिक उद्यमिता में लोगों को हिस्सा लेने हेतु हम सभी को उनको प्रेरणा और मोटिवेशन देना होगा। यह भारत की भविष्य में काफी मदद करेगी। हमें छोटे-छोटे सामाजिक  उद्यमियों का हौसला जाहिर करते हुए उनकी कामों की प्रशंसा करनी चाहिए, ताकि उन्हें और काम करने की उत्सुकता हो और वह समाज के काम आ सके। 

अगर आप कोई जॉब या बिजनेस चलाते हो तो आप यह काम पार्ट टाइम भी शुरू कर सकते हो, ताकि  आपके थोड़े से समय से किसी की जान बच सकती।  कई कॉलेजों के बच्चे भी कई ऑर्गेनाइजेशन से ज्वाइन होकर कई बड़े-बड़े सामाजिक काम करते हैं, जो कि वह पढ़ाई के साथ साथ भी करते हैं। 

FAQs

सामाजिक  उद्यमिता के दो मुख्य प्रकार कौन से होते हैं?

वैसे तो सामाजिक उद्यमिता के कई सारे प्रकार होते हैं लेकिन अगर मुख्य प्रकारों की बात करें तो यहां से दो प्रकार के होते हैं। लघु सामाजिक उद्यमिता, और दीर्घ सामाजिक उद्यमिता। 

सामाजिक उद्यमि का क्या कार्य होता है?

सामाजिक उद्यमि व्यक्ति का कार्य समाज के किसी एक हिस्से में मदद पहुंचाना आया किसी सामाजिक समस्या का निवारण निकालना होता है।  यह आप अकेले भी कर सकते हैं, या फिर किसी ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ कर भी कर सकते हैं जो कि काफी आसान और सरल हो जाता है। 

कृषि उद्यमिता क्या है?

कृषि उद्यमिता, कृषि के भीतर की गई हुई सामाजिक  या व्यक्तिगत होती है।  जोकि किसी भी माध्यम से प्रदान की जा सकती है।  जिस में भी दो प्रकार की कृषि उद्यमिता होती है। 

ग्रामीण उद्यमिता क्या है?

अगर सरल और  सीधी भाषा में  कहा जाए तो ग्रामीण इलाकों में उभरने वाले ग्रामीण उद्यमशीलता को ग्रामीण उद्यमिता कहा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित  करने को भी ग्रामीण उद्यमिता कहा जा सकता है। इसका निष्कर्ष यह निकलता है कि ग्रामीण उद्यमिता ग्रामीण औद्योगिकरण का पर्याय है।

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