Life Skills क्या है | Life Skill Education in Hindi

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Life skills kya hai: अनुकूली और सकारात्मक व्यवहार की क्षमता है जो मनुष्य को जीवन की मांगों और चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाता है| जीवन को आसान बनाने वाले किसी भी कौशल को जीवन कौशल कहा जाता है| जीवन जीने के लिए कौशल अनिवार्य रूप से अवश्यक है| जीवन कौशल एक कला है जिसमें अंकुरित एवं सकारात्मक व्यवहार की मैं योग्यताएं हैं जो व्यक्ति दैनिक जीवन की मांगों और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सक्षम बनाते हैं यह जीवन कौशल सीखे जा सकते हैं इनमें सुधार किए जा सकता है|

What Is Life Skill (जीवन कौशल क्या है)

जीवन कौशल वह सकारात्मक या अंकुलित व्यवहार होता है| जिसकी सहायता से हम अपने आने वाले दैनिक जीवन में आने वाले जो चुनौतियां होती हैं, कठिनाइयां होती है उनका सामना कर पाते हैं या उनको पार कर पाते हैं|  यह सब जीवन कौशल कहलाता है| जीवन कौशल के व्यावहारिक योग्यताएं है जो जीवन की चुनौतियों और मांगों को पूरा करने में मदद करती है| इसके द्वारा व्यक्ति में आत्मज्ञान,प्रभावी सम्प्रेक्ष्ण, रचनात्मक सोच, निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुण विकसित होते हैं|

जीवन कौशल व व्यावहारिक योग्यताएं हैं, जो मानव को आत्मज्ञान, प्रभावी, संप्रेषण, रचनात्मक सोच, निर्णय लेने की क्षमता, भावनाओं में संतुलन स्थापित करना आदि को परिपक्व करने में मदद करती है| जीवन कौशल वह क्षमता है जो व्यक्ति को रोजमर्रा की जिंदगी की चुनौतियों तथा मांगों को पूरा करने में मदद करती है| वर्तमान में शिक्षा बोद्धिक विकास पर ही केंद्रित है जबकि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास है| इसलिए जीवन कौशल शिक्षा को महत्वपूर्ण समझा जाता है| जीवन कौशल को दैनिक जीवन कौशल सर्वाइकल कौशल के नाम से भी जाना जाता है|

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जीवन कौशल शिक्षा देना आवश्यक है 

जीवन कौशल का दृष्टिकोण/लक्ष्य – (Life Skills Approach/Goals)

व्यवहार में परिवर्तन करना|

ज्ञान की वृद्धि करना|

अंतव्यक्तित्व कौशल विकसित करना  – जिससे युवाओं में बेहतर चुनाव करने,

नकारात्मकता का सामना,  जोखिम पूर्ण व्यवहार से बचने की  क्षमता का विकास हो|

Life Skill Definition (जीवन कौशल की परिभाषा)

जीवन कौशल व्यावहारिक योग्यताएं हैं जो मानव को आत्म ज्ञान, प्रभावी संप्रेक्षण, रचनात्मक  सोच, निर्णय लेने की क्षमता, भावनाओं में संतुलन स्थापित करना आदि को परिपक्व करने में मदद करती है|

WHO के अनुसार- “जीवन कौशल अंकुलित एव सकारात्मक व्यवहार की वे क्षमताए है| जिनकी सहायता से एक व्यक्ति अपने जीवन की चुनौतियों एंव मांगों का सामना करता है|” 

UNICEF के अनुसार – “कौशल व्यवहार परिवर्तन एंव विकासात्मक व्यवहार की वह प्रक्रिया है| जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपने जीवन के तीन क्षेत्रों- ज्ञान, अभिवृत्ति  तथा कौशलों के मध्य संतुलन स्थापित करता है|”

Myers के अनुसार – “जीवन कौशल एक अनोपचारिक शिक्षा है जो विधालय से बाहर सिखाया जाता है|”

Life Skill Education (जीवन कौशल शिक्षा)

जीवन कौशल शिक्षा के अंतर्गत W.H.O. ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कौशलों को शामिल किया है|  इन कौशलों के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन ला सकता है|  उत्तम स्वास्थ्य और उत्तम शिक्षा के लिए इन जीवन को कौशलो की आवश्यकता होती है इन जीवन कौशलो की सहायता से हम अपने व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं|

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए गए 10 मूल जीवन कौशल के प्रकार

  1. स्व-जागरूकता (Self Awareness)
  2. सृजनात्मक चिंतन (Creative Thinking)
  3. समालोचनात्मक (Critical Thinking)
  4. प्रभावी संप्रेक्षण (Effective Communication)
  5. समस्या समाधान (Problem Solving)
  6. परा अनुभूति (Empathy)
  7. निर्णय लेना (Decision Making)
  8. तनाव से जूझना (Coping With Stress)
  9. अंतव्यक्तित्कसंबंध (Interpersonal Relationship)
  10. संवेगों को से मुकाबला करना (Coping With Emotion)
  1.   स्व-जागरूकता (Self Awareness)

स्व-जागरूकता या आत्म-जागरूकता के द्वारा व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचानता है| स्व-जागरूकता के द्वारा व्यक्ति को अपनी शक्ति और अपनी कमजोरियों के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है| जिसके माध्यम से वह स्वय को समझता है यदि व्यक्ति जागरूक रहेगा तो वह अपनी आने वाली समस्याओं का समाधान खुद कर सकता है| स्व-जागरूकता के द्वारा व्यक्ति अपने और अन्य व्यक्तियों को समझने का प्रयास करता है|

  1.  सृजनात्मक चिंतन (Creative Thinking)

सृजनात्मक चिंतन को रचनात्मक सोच भी कहा जाता है| रचनात्मक चिंतन रखने वाले व्यक्ति किसी भी बात को अलग ढंग से सोचते हैं| और फिर कार्य करते हैं उनके पास किसी भी कार्य को करने के लिए नए-नए तरीके होते हैं| और वह भिन्न-भिन्न तरीकों से कार्य संपन्न करते हैं| 

  1.  समालोचनात्मक  (Critical Thinking)

समालोचनात्मक चिंतन को  विश्लेषण भी कहा जाता है| विश्लेषणात्मक सोच हमें दैनिक जीवन में किसी कार्य के निर्णय में मदद करती है| समालोचनात्मक चिंतन में सारे कार्य अर्थ पूर्ण होते हैं| इसमें व्यक्ति संपूर्ण चिंतन के बाद निष्कर्ष पर पहुंचता है| विश्लेषणात्मक चिंतन में क्या सही है क्या गलत है सारे गुण देखकर कार्य करता है|

  1.  प्रभावी संप्रेक्षण (Effective Communication)

संप्रेषण का अर्थ होता है अपने विचारों का आदान प्रदान करना| प्रभावी संप्रेक्ष्ण के अंतर्गत व्यक्ति अपने विचार को दूसरे के समक्ष इस तरह से प्रस्तुत करता है कि सामने वाला व्यक्ति उसके विचार से प्रभावित हो| सामने वाले व्यक्ति को समक्ष बिना किसी आहत के अपनी बात को प्रकट करना|  प्रभावित संप्रेक्षण से ही व्यक्ति अपने उचित संबंध बनाता है|

  1.  समस्या समाधान (Problem Solving)

ब्रान के अनुसार- “समस्या समाधान में विभिन्न अनु क्रियाओं को करने या उन्हें चुनने का प्रयास सम्मिलित होता है ताकि वांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है|”

कई बार व्यक्ति के सामने बहुत सारी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं किसी मुद्दे को सुलझाना, किसी के लड़ाई झगड़े, कई बार दो व्यक्तियों में बहस समस्याएं उत्पन्न होने पर सही निर्णय लेना और समस्या को सुलझाना एक कौशल है|

 (6) परानुभूति (Empathy)

परानुभूति दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है दूसरे के अनुभव को समझना|

परानुभूति के अंतर्गत व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की परेशानी और अनुभूतियों को समझता है| जब किसी को परेशानी होती है तो व्यक्ति स्वय को  दूसरों की जगह रखकर समस्या को समझता है| और उसकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश करता है| परानुभूति में व्यक्ति एक दूसरे के स्वेगो या भाव बांटते  हैं|

 (7) निर्णय लेना  (Decision Making)

जीवन में व्यक्ति के समक्ष कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं| जिसमें उसे किसी एक चीज को चुनना होता है| ऐसी स्थिति में व्यक्ति किसी एक का चुनाव करता है| जो उसे सही लगता है इस प्रकार निर्णय लेना भी व्यक्ति की एक कुशलता है| निर्णय हमेशा शांति से सोच समझ कर लेना कि भावुक होकर अन्यथा बाद में अपने निर्णय पर दुख होता है|

(8) तनाव से लड़ना (Coping With Stress)

प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह बड़ा हो या छोटा हो कभी ना कभी तनाव की स्थिति में होता ही है| तनाव शरीर के साथ-साथ हमारे मन मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है| तनाव में सोचने समझने की शक्ति और एकाग्रता कम होती चली जाती है| लेकिन इस कौशल  को विकसित करने के लिए तनाव से मुक्ति पाने के लिए रोजाना व्यायाम, सुबह की सैर, संगीत सुनना, योगा करना, संतुलित आहार लेना आदि आदते  तनाव को कम करने में मदद करती है|

(9) अंतव्यक्तित्व का संबंध  (Interpersonal Relationship)

दो या दो से अधिक लोगों और समूह के बीच संबंध को अंतव्यक्तित्व या पारस्परिक संबंध कहते हैं| यह संबंध हमारे आसपास के व्यक्तियों के साथ सकारात्मक तरीके से व्यवहार करने में मदद करते हैं| पारस्परिक संबंध व्यक्ति में सामाजिक संबंधों के आधार पर निर्भर होते हैं एक अच्छे पारस्परिक संबंध वाला व्यक्ति मैत्रीपूर्ण होता है|

(10) संवेगों से मुकाबला करना (Coping With Emotion)

संवेग व्यक्ति के मन की ऐसी स्थिति या उत्तेजना है| जिसमें वह कभी उदास, कभी क्रोधित और कभी खुश होता है| व्यक्ति को कभी भी अपनी भावनाओं या संवेगो को समय पर हावी नहीं होने देना चाहिए| जब भी हम नकारात्मक संवेग से दूषित हो ऐसे में हमें अपने मन में कुछ सकारात्मक जैसे उल्लास, खुशी, आनंद ऐसे भाव लाना चाहिए|

Life Skills प्रबंधन की विशेषताएं- ( Features Of Life Skills)

  • व्यक्ति को जीवन की समस्याएं सुलझाने में एंव उनका उचित प्रबंधन करने हेतु|
  • आतम जागरूकता को विकसित करना जिससे समस्या को सुलझाने में समर्थ हो|
  • व्यक्ति की रचनात्मक सोच को विकसित करना जिससे कार्य करने मैं नए मार्ग प्रशस्त हो |
  • जीवन कौशल प्रभावी संप्रेक्षण के द्वारा दूसरे व्यक्ति को आहत किए बगैर अपनी राय व्यक्त करने में सक्षम बनाना|

जीवन कौशल का मुख्य उद्देश्य  (Main Purpose Of Life Skill)

दैनिक जीवन में  चुनौतियां एंव मांगो के अनुसार अपनी योग्यताओं को विकसित करना|

जीवन कौशल का महत्व (Importance Of Life Skills)  

  • बालक के सर्वांगीण विकास में,
  • रूढ़िवादी विचारों के परिवर्तन में,
  • आतम जागरूकता एवं आत्मबोध विकसित करने में,
  • सहानुभूति का गुण विकसित करने में,
  • भावनाओं (जैसे- डर,गुस्सा, चिंता, घ्रिन्ना आदि) को नियंत्रित करने में,
  • निर्णय लेने,
  • समस्या समाधान में |

यूनेस्को द्वारा शिक्षा के चार स्तंभ बताए गए हैं (4 Pillars Of Education By UNESCO)-

  1. स्वय सीखने का  कौशल 
  2. हाथ के काम करने का कौशल
  3. साथ रहने का कौशल
  4. स्वय हो जाने का कौशल
  • भावनात्मक शब्द का मूल अर्थ-       अन्य लोगों को समझना
  • भावनात्मक समझ को सीखते हैं-     अभ्यास या प्रयास द्वारा

अभिप्रेरणा (Motivation)

अर्थ – अभिप्रेरणा अंग्रेजी के मोटिवेशन का हिंदी रूपांतरण है| इसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द “मोट्म” / “मोवेयर” से हुई है जिसका अर्थ है गति प्रदान करना अर्थात अभिप्रेरणा वह कारक है जो किसी कार्य को करने के बल ,उत्साह व शक्ति को बढ़ाने का काम करते हैं|

FAQ- 

Life Skill का मतलब क्या है?

जीवन कौशल वह सकारात्मक या अंकुलित व्यवहार होता है| जिसकी सहायता से हम अपने आने वाले दैनिक जीवन में आने वाले जो चुनौतियां होती हैं, कठिनाइयां होती है उनका सामना कर पाते हैं या उनको पार कर पाते हैं|  यह सब जीवन कौशल कहलाता है| जीवन कौशल के व्यावहारिक योग्यताएं है जो जीवन की चुनौतियों और मांगों को पूरा करने में मदद करती है| इसके द्वारा व्यक्ति में आत्मज्ञान,प्रभावी सम्प्रेक्ष्ण, रचनात्मक सोच, निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुण विकसित होते हैं|

जीवन कौशल के क्या लाभ हैं?

जीवन कौशल का अभ्यास करने से बच्चे के आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और सामाजिक क्षमता में सुधार हो सकता है। किसी भी नए कौशल को सीखने से बच्चों में गर्व और उपलब्धि की भावना पैदा होती है। जीवन कौशल सीखने से बच्चों को जीवन का अधिकतम लाभ उठाने में मदद मिलेगी, उन्हें कार्रवाई करने और अपने जीवन में एजेंसी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जीवन कौशल के प्रकार कौन से हैं?

स्व-जागरूकता (Self Awareness)
सृजनात्मक चिंतन (Creative Thinking)
समालोचनात्मक (Critical Thinking)
प्रभावी संप्रेक्षण (Effective Communication)
समस्या समाधान (Problem Solving)
परा अनुभूति (Empathy)
निर्णय लेना (Decision Making)
तनाव से जूझना (Coping With Stress)
अंतव्यक्तित्कसंबंध (Interpersonal Relationship)
संवेगों को से मुकाबला करना (Coping With Emotion)

जीवन कौशल की विशेषताएं क्या है?

व्यक्ति को जीवन की समस्याएं सुलझाने में एंव उनका उचित प्रबंधन करने हेतु|
आतम जागरूकता को विकसित करना जिससे समस्या को सुलझाने में समर्थ हो|
व्यक्ति की रचनात्मक सोच को विकसित करना जिससे कार्य करने मैं नए मार्ग प्रशस्त हो |
जीवन कौशल प्रभावी संप्रेक्षण के द्वारा दूसरे व्यक्ति को आहत किए बगैर अपनी राय व्यक्त करने में सक्षम बनाना|

W.H.O. के अनुसार जीवन कौशल क्या है?

जीवन कौशल शिक्षा के अंतर्गत W.H.O. ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कौशलों को शामिल किया है|  इन कौशलों के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन ला सकता है|  उत्तम स्वास्थ्य और उत्तम शिक्षा के लिए इन जीवन को कौशलो की आवश्यकता होती है इन जीवन कौशलो की सहायता से हम अपने व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं|

W.H.O. के अनुसार जीवन कौशल की परिभाषा क्या है?

जीवन कौशल अंकुलित एव सकारात्मक व्यवहार की वे क्षमताए है| जिनकी सहायता से एक व्यक्ति अपने जीवन की चुनौतियों एंव मांगों का सामना करता है|” 

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