Financial statement का कॉमर्स के भाषा मैं अर्थ है बार्षिक आर्थिक बिबरन। Financial statement मैं कंपनी का व्यापार और फिनेंशियल पोजीशन के बारे में विस्तार में बताए जाते हैं। आमतौर पर Financial statement तिन रिपोर्ट के सहारे बनते है। इनकम रिपोर्ट, बैलेंस शीट और कॅश फ्लो स्टेटमेंट। आज के इस प्रतिवेदन से हम लोग Financial statement को कैसे पढ़े जाते हैं वह सीखेंगे।
Financial statement को कैसे पढ़े
किसी भी कंपनी का Financial statement को पढ़ने के लिए आपको इनकम रिपोर्ट, बैलेंस शीट और कॅश फ्लो स्टेटमेंट के बारे में नॉलेज होना जरूरी है। अगर आपके पास कोई भी नॉलेज नहीं है तो कोई बात नहीं इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी।
Balance Sheet
किसी भी कंपनी का बैलेंस शीट में आपको दो चीज जरूर नजर में आते ही होंगे Aseets , Liability और Equity .
Aseets का मतलब होता है कंपनी क्या-क्या Own करती है और Liability का मतलब है कंपनी को क्या-क्या देना है। Equity का मतलब होता है कंपनी का सारे Aseets बेचने के बाद जितने रकम आपको प्राप्त होगी।
ऐसे मान लीजिए आप किसी दोस्त से ₹10000 उधार लेकर किसी भी छोटे से रेस्टोरेंट्स शुरू करते हैं। रेस्टोरेंट्स शुरू करने के लिए आपने ₹8000 का सामान खरीदना है उनमें से प्रॉपर्टी के तौर पर ₹6000 खर्च करें। तो आपके बैलेंस शीट कुछ ऐसा बनेगा-
XYZ Resturent – Balance Sheet
Assets | Before | Change | After |
Cash | 10000 | -8000 | 2000 |
Inventory | 0 | +2000 | 2000 |
PP&E | 0 | +6000 | 6000 |
Total Assets = | 10000 |
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Liabiity | Before | Change | After |
Long Term Debt | 0 | 0 | 10000 |
Assets
इस उदाहरण से हम लोग समझ सकते हैं की ऊपर में जो Assets है वह सब XYZ Resturent शुरू करने के बाद आपके खुद के हैं। इनमें से कुछ Term जैसे Inventory और PP&E के बारे में जान लेते हैं।
- Inventory – रेस्टोरेंट में खाना बनाने के लिए जो रॉ मैटेरियल्स खरीदने होते हैं उसे हम इन्वेंटरी मैं जोड़ते हैं।
- PP&E – XYZ Resturent को बनाने के लिए जितने खर्चे होते हैं उन सारे खर्चे को हम लोग PP&E मैं जोड़ते हैं। PP&E फुल Form होता है Property, plant, and equipment.
अभी मान लीजिए रीसेंट खोलने के बाद अपने ₹3000 का बिजनेस किया है। ₹3000 के बिजनेस करने के लिए आपको ₹500 के रॉ मैटेरियल खरीदने पड़े। ₹3000 का सेल में से आप ₹500 अपने दोस्तों को उधार दिए हैं।
इसके बाद बैलेंस शीट में कुछ चेंज करना पड़ेगा इसे पहले एकाउंटिंग की भाषाओं में लिख लेते हैं फिर आपको चार्ट के जरिए परिवर्तन दिखाते हैं।
Total Sale – 3000
Inventory – 500
Udhhar (Acount Recievavble) – 500
Cash – 2500
Assets | Before | Change | After |
Cash | 2000 | +2500 | 4500 |
Acount Recievable | +500 | 500 | |
Inventory | 2000 | -500 | 1500 |
PP&E | 0 | +6000 | 6000 |
Total Assets = | 12500 |
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मान लीजिए आप और ₹2000 का रॉ मैटेरियल लाते हो, लेकिन आप यह सामान उधार पर लाते हो। अभी इस उधार को हम लोग दोनों जगह पर लिखेंगे। एक तो Assets के Inventory मैं लिखा जाएगा। क्योंकि हमारे पास पहले से ज्यादा Inventory बढ़ चुका है। और इस पैसों को लायबिलिटी पर भी ऐड किया जाएगा क्योंकि इसको हम को दूसरे को देना है। तो अभी हमारा बैलेंस शीट कुछ ऐसा बनेगा।
Assets | Before | Change | After |
Cash | 4500 | 0 | 4500 |
Acount Recievable | 500 | 0 | 500 |
Inventory | 1500 | +2000 | 3500 |
PP&E | 6000 | 0 | 6000 |
Total Assets = | 14500 |
Liability | Before | Change | After |
Long Term Debt | 0 | 0 | 10000 |
Accounts Payable | 0 | +2000 | 2000 |
Total Liability – | 12000 |
Liability
कंपनी के लायबिलिटी में हम लोग उसे ऐड करते हैं जहां से आप पैसे लिए हैं। इस केस पर आप अपने दोस्त के पास से ₹10000 उधार लिए हैं और मान लीजिए आप उनको बोले हैं कि प्रॉफिट होने के बाद उसको ऐसा लौटा देंगे। तो जैसे कि आपको पहले बताए थे आपको जितने भी पैसे देना पड़ेगा उसे आप लायबिलिटी पर लिखेंगे। इस केस पर लॉन्ग टाइम के लिए ₹10000 लायबिलिटी के रूप में लिखे गए हैं।
Equity
किसी भी कंपनी का Equity निकालने के लिए फिनेंशियल स्टेटमेंट के एक Term को आप को याद रखना होता है।
Equity = Assets – Liability
तो अभी तक आपके इक्विटी बने 14500 – 12000 = 2500
Assets | Before | Change | After |
Cash | 4500 | 0 | 4500 |
Acount Recievable | 500 | 0 | 500 |
Inventory | 1500 | +2000 | 3500 |
PP&E | 6000 | 0 | 6000 |
Total Assets = | 14500 |
Liability | Before | Change | After |
Long Term Debt | 0 | 0 | 10000 |
Accounts Payable | 0 | +2000 | 2000 |
Total Liability – | 12000 |
Equity | Before | Change | After |
Total Equity | 0 | +2500 | 2500 |
इनकम रिपोर्ट (Income Report)
Financial statement के इनकम रिपोर्ट पर सेल की और और सेल करने में कितना पैसा खर्चा हुआ वह सारे बातें लिखी जाती है। आसान भाषा में समझे तो इनकम रिपोर्ट पर किसी भी कंपनी का कितना इनकम हुआ उसे चार्ट के रूप में लिखे जाते है। इस रिपोर्ट को देख कर किसी भी कंपनी फ्यूचर में कैसा बिजनेस कर सकता है उसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
तो चलिए अभी ऊपर के स्टेटमेंट के हिसाब से इनकम रिपोर्ट बनाते हैं। ऊपर के स्टेटमेंट के अनुसार अपने ₹3000 के सेल के लिए ₹500 का इन्वेंटरी खर्च किए थे। इसे एकाउंटिंग की भाषाओं में लिखे तो-
XYZ Resturent – Income Report
Sales – | 3000 |
Costs Of Goods Sold (COGS)- | 500 |
Net Profit – | 2500 |
Cash Flow Statement
कैश फ्लो स्टेटमेंट कंपनी में कितना पैसा आया या सीख गया सिर्फ उसी की हिसाब रहता है। इसे समझने के लिए आपको नीचे की चार्ट को अच्छे से फॉलोअप करना पड़ेगा।
XYZ Resturent – Cash Flow Statement
Net Profit – | 2500 |
Inventory Purchased- | 2000 |
Inventory payable – | (-) 2000 |
Inventory Sold – | 500 |
Acounts Recievable- | (-) 500 |
Operating Cash Flow – | 2500 |
तो दोस्तों इस प्रतिवेदन में चार्ट के सहारा लेकर बहुत ही आसान भाषाओं में आपको Financial statement को समझाएं गई है। उम्मीद करता हूं इस प्रतिवेदन को पूरा पढ़ने के बाद Financial statement कैसे पढ़ें को लेकर कोई शंका नहीं रहेगा। आशा रखता हूं इस प्रतिवेदन के सहारे आप अपने लिए भी Financial statement बना सकते हैं। फिर भी अगर आपके मन पर कोई सुझाव या फिर कोई सवाल है तो हमें जरूर कमेंट के माध्यम से बताएं।
Yes this greet idia thankyou