6 स्किल्स जो अच्छे माता-पिता में होती हैं ! | Good Parenting skills in hindi

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बच्चो की परवरिश ठीक से करना कोई आसान काम नहीं होता हैं ! अगर कहा जाये तो बच्चो का पालन-पोषण करना सबसे मुश्किल कामो में से एक हैं ! एक माता-पिता के रूप में हमे चाहिए कि हम अपने बच्चो को वो सब गुणों की शिक्षा दे सके जो गुण हम उनमे देखना चाहते हैं ! हम  Good parenting skills in hindi के इस ब्लॉग में बच्चो के लिए महत्वपूर्ण विशेषताएँ तथा पेरेंट्स उनको अपने बच्चो को कैसे सिखा सकते हैं इस पर बात करेंगे ! 

कितना भी अच्छे गुण हो अगर हम उन्हें अपने बच्चो में विकसित करना चाहते हैं तो हमे एक तरीका आना चाहिए ! बिना यह जाने कि पेरेंट्स की वो क्या योग्यता होती हैं जिनके कारण उनके बच्चे जल्दी सीखते हैं व अच्छे इन्सान बनते हैं हम बेहतर माता पिता नहीं बन सकते ! 

इसलिए हमे बेहतर पालन-पोषण करने की स्किल सीखनी चाहिए ! आइये जानते हैं यह परेंटिंग स्किल क्या होती हैं !

पैरेंटिंग स्किल क्या होती हैं -Good parenting skills
in hindi

पैरेंटिंग स्किल बह प्रक्रिया होती हैं जिसमे बच्चो के बचपन से उनके व्यस्क होने तक शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक, तथा बौद्धिक विकास पर जोर दिया जाता हैं ! इस प्रक्रिया में शिशुओ के विकास में माँ-बाप का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं ! 

पालन-पोषण करने की स्मार्ट टिप्स – Smart parenting tips in hindi

अच्छी पैरेंटिंग टिप्स जानने से पहले हमे अपने एक बहुत बड़ा भ्रम दूर करना चाहिए ! वह भ्रम है बच्चो की परवरिश पर 4-5 साल का होने पर ध्यान देना ! कई माता-पिता सोचते हैं कि वे बच्चो को तब सिखायेंगे जब उनके बच्चे चार या पाँच वर्ष के हो जायेंगे यही वो सबसे बड़ी गलती करते हैं ! 

एक माँ या बाप के रूप में हमारा काम तो तब से शुरू हो जाना चाहिए जब शिशु माँ के पेट में हैं ! तभी से माता-पिता को अच्छी बाते करना तथा माता को सकारात्मक बाते सोचना शुरू कर देना चाहिये ! एवं शारीरिक विकास के लिए खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिए ! 

तो आइये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अधिक smart parenting tips in hindi – 

  • अपने बच्चे को सुने ! 

क्या आप कभी इतने व्यस्त हुए हैं कि आपने यह महसूस ही नहीं किया कि आपका बच्चा आपसे बात करना चाहता हैं ? भले ही वो अभी बोल ना सकता हो पर वो अपनी सांकेतिक भाषा में कुछ कहना चाहता हैं तो उस पर जरूर ध्यान दे ! इस भाग-दोड़ भरी ज़िन्दगी में हम तो अपने उन बच्चो की बात पर भी गौर नहीं करते जो हमसे बोलकर सबकुछ कह सकते हैं ! 

इसलिए आवश्यक हैं कि जब भी आप अपने बेटे या बेटी के साथ है तो ऑफिस के काम, व्यवसाय और कोई भी बाहरी विचार को मन में ना लाये बस अपने बच्चे के साथ इतना घुल-मिल जाये कि आप दोनों इस दुनिया की सारी परेशानिया भूल जाये ! 

ऐसा करना ना केवल आपको अपने बालक के करीब लायेंगा बल्कि आपको यह भी पता रहेगा की आपके बच्चे की ज़िन्दगी में चल क्या रहा हैं ! कही आपका बच्चा गलत संगत में तो नहीं पड़ गया या उसे और कोई मुसीबत तो नहीं हैं !  

  • बच्चो की नजर में हीरो बने ! 

कभी भी अपने बच्चो के सामने ऐसा कुछ काम ना करे जो आप नहीं चाहते कि आपके बच्चे करे ! अगर आपको लगता हैं आप छोटी- छोटी बातो पर जल्दी गुस्सा हो जाते हैं तो आपके बच्चे भी कुछ समय बाद आपके ऐसे व्यवहार को देखकर गुस्सा करने लगेंगे ! हमारे बेटा एवं बेटी वैसा ही तरीका दुसरो से व्यवहार करने का चुनेंगे जैसा हम उनके सामने करते हैं ! 

यहाँ एक बात ध्यान रखने योग्य हैं – बच्चे वैसा नहीं बनते जैसा हम उन्हें सिखाते हैं, बच्चे वैसा बनते जैसे हम हैं ! 

इसलिए जरूरी हैं कि जहाँ तक हो सके हम सबसे बढ़िया ढंग से पेश आये ताकि हमारे बालको पर भी वैसा ही प्रभाव पड़े ! बच्चो के सामने कभी किसी की बुराई ना करे और ना ही किसी के साथ झगड़ा करे ! खुद को सामाजिक कार्यो में सम्मलित करे ऐसा करना आपको एक बेहतर इन्सान बनाएगा तथा आप एक बढ़िया पेरेंट् भी बन पाएंगे ! 

  • बच्चो को छोटे कामो से जोड़कर जिम्मदार बनाये ! 

जिम्मेदारी का एहसास होना कितना जरूरी हैं यह हमे इस उम्र में किसी को बताने की जरुरत नहीं हैं ! अपने बच्चो को उनकी कम उम्र से ही जिम्मेदार बनाना एक समझदार इन्सान की निशानी हैं ! 

अपने बच्चो को घर के साफ़-सफ़ाई के काम में अपने साथ लगाये उन्हें यह एहसास दिलाये कि सफ़ाई का काम उनकी भी जिम्मेदारी हैं !

आप बच्चो से उठने के बाद उनका बिस्तर बनाने को भी कहे ! उनका रोज सुबह का पहला काम बिस्तर बनाने का ही होना चाहिये ! 

बच्चो को आप बगीचे में पौधों को पानी देने या बगीचे से घास-फूस करने के काम में लगाये ! इन कम मेहनत के कार्यो से बच्चो में कार्यो को करने की क्षमता विकसित होंगी तथा वे कम उम्र में ही परिश्रम का फल जानेंगे ! 

  • अपनी बच्चो की किसी और से नकारात्मक तुलना ना करे ! 

एक गलती जो ज्यादातर लोग करते दिख जायेंगे वो हैं अपने बच्चो की तुलना दुसरे बच्चो से करना ! माता-पिता नहीं जानते कि एक गलत की गई तुलना से, उनके बच्चो पर कितना हानिकारक प्रभाव पड़ सकता हैं ! 

अमेरिका में हुए एक अध्ययन के अनुसार जिन बच्चो की बचपन में बहुत अधिक तुलना की जाती हैं उन बच्चो में किशोर अवस्था में पहुँचने पर डिप्रेसन का शिकार होने की सम्भावना अधिक होती हैं ! इसलिए कभी बच्चो से यह ना कहे कि उस लड़के या लड़की ने यह किया तुमने ऐसा क्यों नहीं किया ! इसकी बजाए उन्हें बेहतर बनाने की ओर ध्यान दीजिये ! 

  • अपने बच्चो में सोशल स्किल्स विकसित करे ! 

13 से 19 वर्ष के 800 से अधिक बच्चो पर किये गए अध्ययन में पता चला कि जिन बच्चो में शुरू से ही सोशल स्किल्स विकसित की गई वो बच्चे बड़े होने पर ज्यादा आत्मविश्वासी तथा सफल थे ! 

आप अपने बच्चो में निचे उल्लेखित सोशल स्किल्स या सामाजिक कौशल विकसित करने में उनकी सहायता करे – 

  • चीज़े साझा करना ( मिल-बाँटकर खाना या कार्य करना ) ! 
  • सहयोग करना ! 
  • दुसरो की सहायता करना ! 
  • बड़ो के साथ नम्र व्यवहार रखना !
  • जरूरत होने पर सहयता के लिए पूछना ! 
  •  ध्यान से सुनना ! 
  • दुसरो की भावनाओ के कद्र करना ! 
  • बात करते हुए नम्र भावो से आँखे मिलाना ! 
  • झूठ ना बोलना ! 
  • अच्छा काम करने पर दुसरो को बधाई देना ! 

ये कुछ महत्वपूर्ण सोशल स्किल्स हैं जो हमे हर हाल में अपने बच्चो को सिखानी चाहिए यही असली मायनो में बढ़िया पालन-पोषण हैं ! 

  • अपनी पति/पत्नी के साथ मजबूत रिश्ता बनाये ! 

आप सोच रहे होंगे, बात तो बच्चो की देखभाल की हो रही हैं इसमें पति व पत्नी के मजबूत रिश्ते की क्या भूमिका हैं ! 

आपको जानकर आश्चर्य होगा इस से बढ़कर बच्चो की अच्छी परवरिश के लिए कुछ नहीं हो सकता ! अगर आप और आपके पति या पत्नी के बीच अच्छा रिश्ता नहीं हैं, आपस में रोज लडाईयां होती हैं तो आप बच्चो को कुछ भी सिखा लो, सब बेकार हैं ! 

आपने खुद ही देखा होगा जिन घरो में बहुत अधिक झगड़े होते हैं, माता-पिता हर बात पर बहस करते हैं वहाँ बच्चे खुश नहीं रहते और ना उनकी बेहतर परवरिश हो पाती हैं ! 

इसलिए माँ-बाप को चाहिए कि वे आपसी रिश्ते को खूबसूरत बनाये जिससे उनके बच्चो की ज़िन्दगी भी ख़ूबसूरती से जगमगाती रहे ! 

ये भी पढ़े:- Article writing कैसे करे ?

                 Social skills क्या होती है ?

Best parenting books of all time

हमने Good parenting skills in hindi के इस आर्टिकल में कुछ महत्वपूर्ण पालन-पोषण की स्किल के बारे में जाना ! उम्मीद हैं आपके और आपके बच्चो के लिए ये सभी स्किल्स बहुत ज्यादा कामयाब सिद्ध होगी ! 

ताकि आप और अधिक पैरेंटिंग स्किल्स के बारे में जान सके इसलिए हम कुछ महत्वपूर्ण किताबों के बारे में यहाँ उल्लेख कर रहे हैं आप इन किताबो को पढ़कर अपने बच्चो के भविष्य को और अधिक बेहतर बना सकते हैं –

  • How to Talk so Kids will Listen & Listen so kids will Talk 

जिस तरह इस किताब का नाम बहुत बड़ा है उसी प्रकार यह किताब हमे पैरेंटिंग के बारे में बहुत गहराई तक सिखाती हैं ! यह किताब पेरेंट्स तथा बच्चो के सम्बन्ध बेहतर करने वाली दो एक्सपर्ट Adele Faber व Elaine Mazlish द्वारा लिखी गई हैं ! हर किसी माता–पिता को जिनके घर में बच्चे हैं यह किताब जरूर पढनी चाहिए ! 

  • Pregency Notes 

अगर आपके घर में कोई नन्हा सा मेहमान है या फिर आप उम्मीद कर रहे है कि कोई प्यारा सा बच्चा आपके घर में जन्म लेने वाला हैं तो आपको यह किताब अवश्य पढनी चाहिए ! इस किताब में बताया गया हैं कि बच्चे के दुनिया में आने से पहले आपको किन बातो का ध्यान रखना हैं तथा बच्चे के दुनिया में आने के बाद कैसे अच्छी परवरिश करनी हैं ! यह किताब Rujuta Diwekar द्वारा लिखी गई हैं ! 

  • Seven Habits of Highly Effective Teenagers 

Sean Covey द्वारा लिखी गई यह किताब उन बच्चो के लिए हैं जो बाल्यअवस्था से निकल चुके है तथा इस दुनिया के बारे में थोडा समझने लगे है ! इस किताब में आपको पढने को मिलता हैं कि कैसे आप अपने बच्चो की ऐसी परवरिश कर सकते हैं कि वो इस संसार एवं लोगो के बीच तालमेल बना सके ! अगर आपको डर है, आपके बच्चे जब घर से निकलकर बाहरी दुनिया का सामना करेंगे तो कही वो भटक ना जाये, तो आपको यह किताब जरूर पढनी चाहिए ! 

  • The Whole-Brain Child 

लेखको Daniel J. Siegel और Tina Payne Bryson द्वारा लिखी गई यह किताब हमे अपने बच्चो को विकसित करने के 12 बेहतरीन तरीको के बारे में बताती हैं ! यह सभी तरीके बहुत सारे बच्चो तथा माता-पिता पर अध्ययन करने के बाद लेखको ने किताब के रूप में प्रस्तुत किये हैं ! बेहतरीन पालन-पोषण के इतने कारगर तरीको के बारे में जानने के लिए यह किताब जरूर पढ़े ! 

हमे पूरा विश्वास है कि ये किताबे तथा Good parenting skills in hindi का यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी सिद्ध हुआ होगा ! 

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