banyan tree in hindi: किसी घने पेड़ की छांव तले बैठना इंसान भी इंसान को सबसे ज्यादा पसंद होता है | वही अगर हमे किसी बड़े जंगल में कैम्पियन करने का मौका मिल जाए तो उसका मजा ही कुछ अलग होता है| आप सब ने जंगलों में बहुत सारे पेड़ तो जरूर देखे होंगे| लेकिन अगर हम आपको इसलिए के माध्यम से बताएं कि भारत में एक ऐसा पेड़ भी है जो खुद में ही बहुत बड़ा जंगल है तो शायद आपको यकीन नहीं होगा| आप सब ने जंगलों में बहुत बड़े-बड़े पेड़ तो जरूर देखे होंगे लेकिन क्या आपने ऐसा पेड़ भी देखा है जो अपने आप में पूरा जंगल समेटे हो|
पहली नजर में देखने पर विशाल जंगल जैसा दिखाई देने वाला बरगद का पेड़ है| इस पेड़ की खास बात यह है कि इस पेड़ का नाम विश्व के सबसे चौड़े पेड़ के रूप में World Gnice Book Of Records मैं भी दर्ज हो चुका है|
14400 वर्ग मीटर में फैला हुआ यह बरगद का पेड़ चौड़ाई के साथ अपनी उम्र के लिए भी जाना जाता है बरगद के पेड़ की उम्र 250 साल से भी ज्यादा है इतना फैल चुका है कि यहां घूमने वाले आने वाले आती है वो पता ही नहीं चलता कि वह एक पेड़ के आसपास ही घूम रहे हैं |
अब आप सोच रहे होंगे कि इतना बड़ा पेड़ जंगल कैसे बना सकता है| तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि कोलकाता के किस पेड़ की 3000 से ज्यादा जटाय है जो जमीन के अंदर फेल कर जड़ों का आकार ले चुकी है| यह एक पेड़ की जड़े ही है जो जो इतनी बड़ी जमीन पर बहुत सारे पेड़ों का चाल बनाकर एक बड़े जंगल जैसी दिखाई देने लगी है| जिसकी वजह से इस पेड़ को द ग्रेट बनयान ट्री के नाम से पहचाना जाता है |
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Banyan Tree क्या है: Banyan Tree In Hindi
बरगद बहू वर्षीय विशाल वृक्ष है| यह एक स्थलीय दिबिजप्ती एवं स्पुश्पक वृक्ष है इसका तना सीधा एवं कठोर होता है| इसकी शाखाओं से जुड़े निकलकर हवा में लटकते हैं तथा बढ़ते हुए जमीन के अंदर घुस जाते हैं स्तंभ जाती है| इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ कहते हैं| इसका फल छोटा गोलाकार एक लाल रंग का होता है| इसके अंदर बीज पाया जाता है इसका बीज बहुत छोटा होता है| किंतु उसका पेड़ बहुत विशाल होता है इसकी पत्ती चौड़ी एवं लगभग अंडाकार होती है| इसकी पत्ती शाखाओं और कलिकाओ को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स कहा जाता है|
इस पेड़ को बनयान ट्री क्यों कहा जाता है: Banyan Tree Called In Hindi
बनयान जमीन से निकलने वाली शाखाएं होती हैं जिसके कारण इसका नाम बनयान के रखा गया है दुनिया का सबसे पुराना बरगद का पेड़ आज तक ना जाने कितने आंधी और तूफान ओ को देख चुका है लेकिन अपने जोड़ों का यह पक्का पेड़ कभी झुका और गिरा नहीं| पेड़ों पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक भी हैरान है कि इस पेड़ के साथ उगने वाले बाकी सब पेड़ टूट कर बिखर चुके हैं लेकिन आज भी यह पेड़ टस से मस नहीं हुआ|
पहली बार 1884 और फिर 1886 में आए एक खौफनाक तूफान से इस पेड़ की कुछ जटाय थोड़ी कमजोर हो चुकी थी| जिनको 1925 में 50 फीट तक काटना पड़ा था उसके बाद आज तक इस पेड़ की कोई भी जटा कटा नहीं गया है|
देश और विदेश से कोलकाता घूमने आने वाले टूरिस्ट इस पेड़ के साथ फोटो जरूर खिंचवाते हैं| इतना ही नहीं इस पेड़ को विदेशी यूनिवर्सिटी रिसर्च करने के लिए इस्तेमाल कर रही है| भारत की स्टैंड पर यह पेड़ हमारे देश के लिए किसी तरह से कम नहीं ।
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अलग-अलग भाषाओं में बरगद के पेड़ के नाम: Name of Banyan Tree Different Languages
Banyan Tree के नाम | भाषाएं |
बरगद, बट, बट, बरगट | Hindi |
Banyan, ईस्ट इंडियन फिग ट्री | English |
र्री ( Mari ),वट वृक्ष ( Vati ) | Telugu |
दरख्तेरेशा ( Darkhteresha ) | Persian |
वड ( Wad ), वर ( War ) | Marathi |
बर ( Bar ) | Nepali |
वड ( Vad ) | Konkani |
अला ( Ala ),पेरल (Peral ) | Malayalam |
वड ( Vad ), वडलो (Vadalo ) | Gujarati |
बर्गोड़ा (Bargoda) | Urdu |
सक्न्द्हज ,वटवृक्ष, न्यग्रोध ,ध्रुव , श्रीरी | Sanskrit |
तईन बन्फिलिस ,Jhatulejaibva | Arabic |
अला ,अलम | Tamil |
बरो | Oriya |
बडगाछ | Bengali |
मरा ,अल ,अला | Kannada |
बरगद ,बर | Punjabi |
Banyan Tree की विशेषताए: Features Of Banyan Tree
- भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद है|
- इस पेड़ को बहुत ही ज्यादा पवित्र पेड़ भी माना जाता है |
- माना जाता है कि बरगद के पेड़ पर देवी देवता निवास करते हैं|
- बरगद का पेड़ आकार में बहुत बड़ा विशालकाय होता है|
- इस पेड़ पर पहनने से लटकती हुई लंबी जटाए इसे बड़ा और आकर्षित बनाते हैं|
- इस पेड़ को बड या वट के नाम से भी जाना जाता है|
- यह बहुत ही घना वृक्ष होता है |
- बरगद के पेड़ के तने भी बहुत ज्यादा मजबूत होते हैं|
- इस पेड़ की पत्तियां अंडाकार होती है|
- पुराने समय में ऋषि मुनि बच्चों को ज्ञान देने के लिए बरगद के पेड़ के निचे बैठा करते थे|
- भगवान बुध को इसी पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी|
- बरगद का वृक्ष हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है|
- इस वृक्ष की लकड़ी बहुत भी बहुत ज्यादा मजबूत होती है|
- इसकी आयु हजारों वर्ष तक होती है|
- बरगद का पेड़ छायादार होने के साथ-साथ अनेक गुणों वाला भी होता है|
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Banyan Tree के फायदे: Benefits of banyan tree in hindi
- बालो के लिए,
- तव्चा के लिए,
- दांतों और मसूड़ो के लिए,
- जोड़ों के दर्द के लिए,
- इम्यूनिटी |
बालो के लिए – बालों का झड़ना एक गंभीर समस्या है| यदि बाल आधिक झड रहे हो तो ऐसे में बरगद का पेड़ बहुत फायदे वाला होता है| यदि बालों में फंगल आदि की समस्या हो गई हो तो उसमें भी बरगद का पेड़ फायदे जनक होता है| सिकरी आदि के इलाज के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है| कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि बरगद का पेड़ बालों के लिए बहुत फायदेमंद है|
त्वचा के लिए – त्वचा पर कोई भी इन्फेक्शन या फोड़ा फुंसी हो जाने पर इसका प्रयोग किया जाता है| फोड़े फुंसी त्वचा से संबंधित एक विकार है| इस पेड़ में कुछ भी बिना कैसे होते हैं जिनका प्रयोग करके हम त्वचा से संबंधित बीमारी का इलाज कर सकते हैं| यह त्वचा को हर हर रोग से बचाने में मददगार है साबित होता है|
दांतों और मसूड़ों के लिए – दांतों में दर्द होने पर इसका प्रयोग किया जाता है| मसूड़ों का लाल हो जाने या चीन जाने पर भी इसका प्रयोग किया जाता है | यदि दांतों में कीड़ा आदि लग गया है तो उसको ठीक करने के लिए भी इसका प्रयोग काफी फायदेमंद होता है| इसकी जड़ को चबाकर मंजन की तरह इस्तेमाल किया जाता है | इससे तरह दांतों से संबंधित परेशानियों को दूर किया जाता है |
जोड़ों के दर्द के लिए – शरीर के जोड़ों में दर्द होने पर इसका प्रयोग किया जाता है| इसका प्रयोग करके जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है| विशेषज्ञों के अनुसार इसकी पत्तियों में कुछ खास तत्व होते हैं जैसे हेकसेन ,क्लोरोफॉर्म ,ब्युटेनोल और पानी मौजूद होते हैं जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में साबित हुआ है| इसकी पत्तियों का सेवन करके जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है|
इम्यूनिटी – यह हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाता है इसका प्रयोग पाचन क्रिया को सही करने के लिए भी किया जाता है | इसकी पत्तियों में कुछ खास तत्व होते हैं | जो रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं| इसकी पत्तियों का प्रयोग करके शरीर को प्रतिरोधक बनाया जा सकता है|
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Banyan Tree का प्रयोग कहां किया जाता है: Where is use Banyan Tree
इसका प्रयोग काफी प्रकार से किया जा सकता है | यह हमारे लिए औषधि का काम भी करते हैं | जिसे हम अपने लिए जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग कर सकते हैं | इससे हमें ऑक्सीजन मिलते हैं | इसका प्रयोग हम लकड़ी के रूप में भी कर सकते हैं| क्योंकि इसकी लकड़ी काफी मजबूत होती है जिससे हम फर्नीचर आदि बना सकते हैं | लकड़ी के साथ-साथ इसकी पत्तियां अंडाकार होने के कारण काफी फायदेमंद होते हैं | जिनका प्रयोग हम विभिन्न रूप से कर सकते हैं | यह वृक्ष घना होने के कारण इसकी छाया दूर दूर तक रहती है हमारे लिए काफी फायदेमंद होती है|
Banyan Tree के नुकसान: Disadvantages of Banyan Tree
वैसे तो आज तक इसमें कोई भी नुकसान सामने नहीं आए हैं | ना ही इस पेड़ से किसी को कोई नुकसान पहुंचा है | फिर भी आप जब भी इसकी पत्तियों का प्रयोग अपने औषधि के रूप में करते हैं तो डॉक्टर से सलाह देने के बाद भी इस उपयोग करें | अगर उसका प्रयोग करके आपको किसी प्रकार की एलर्जी इनफेक्शन होता है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें | बिना डॉक्टर की सलाह के इसका प्रयोग ना करें |
Banyan Tree को पवित्र क्यों माना जाता है?
वट वृक्ष को पिपल के समान ही महत्व दिया गया है |पुराणों में उल्लेखित है कि इसमें देवताओं का निवास होता है| वेदों, पुराणों ,रामचरितमानस, अनेक ग्रंथों में इस वृक्ष की महिमा का गान किया गया है | यह पेड़ त्रिमूर्ति का प्रतीक है इसको देवताओं का वृक्ष अथवा देवेश कहा गया है| इस देश के मूल में ब्रह्माजी अथवा मध्य में जनार्दन विष्णु तथा अग्रभाग में देवाधिदेव महादेव शिव रहते हैं| देवी सावित्री भी इसी वटवृक्ष में रहते हैं|
इसके दर्शन,स्पर्श तथा सेवा करने से प्राप्त होते हैं| दुख आदि नष्ट होते हैं| ऐसा माना जाता है कि इसकी जड़ में पानी देने से पुणे की प्राप्ति होती है| अग्नि पुराण के अनुसार उत्सर्जन को दर्शाता है | इसलिए संतान के लिए इच्छित लोग इसकी पूजा करते हैं| इस कारण बरगद के पेड़ को काट नहीं जाता| अपनी विशेषताओं और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना जाता है | इसलिए इस वृक्ष को अत्त्श वृक्ष भी कहा जाता है |
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Banyan Tree कर्ज मुक्ति का उपाय: Banyan Tree In Hindi
कर्जा मुक्ति के लिए सारे वृक्षों में सबसे श्रेष्ठ वट वृक्षों माना गया है| इसलिए प्रशासनिक कार्य के लिए, मानसिक टेंशन है तो वटकेश्वर महादेव का स्मरण किया जाता है| यदि बहुत ज्यादा कर्जा हो गया है तो बड़ के पेड़ के नीचे आप वटकेश्वर महादेव के लिए एक लोटा पानी उसमें थोड़ा सा पिसा हुआ चावल और उसमें थोड़ी सी हल्दी डाल कर वटकेश्वर महादेव के नाम से अपनी कामना करते जो आप पर कर्जा हुआ है उसका स्मरण करते हुए छोड़ दीजिए | थोड़े दिन ऐसा करने से आपका कर्ज मुक्त जाएंगे|
FAQ
वृक्षों का राजा कौन है?
साल वृक्षों को पेड़ो का राजा जाता है |
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष कौन है?
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है |
बरगद के पेड़ को अंग्रेजी में क्या कहते हैं
बरगद कोअंग्रेजी में Banyan, ईस्ट इंडियन फिग ट्री कहते है |
बरगद के पेड़ से क्या लाभ होता है?
बरगद के पेड़ से बहुत तरह के लोग होते हैं| इस वृक्ष की जड़,तना,पत्ते,टहनियां,जटाएं सभी अपने आप में एक लाभकारी सिद्ध हुई हैं| इसमें मौजूद तत्व हेकसेन ,क्लोरोफॉर्म ,ब्युटेनोल और पानी होते है | जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं| यह दांतों की समस्या, त्वचा की समस्या, डिप्रेशन, बालों की समस्या, इम्यूनिटी सिस्टम आदि सभी में काफी लाभकारी होता है|
बरगद के पेड़ पर किसका वास होता है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बरगद के पेड़ पर देवी-देवताओं का निवास होता है| हिंदू धर्म में वटवृक्ष को देव वृक्ष भी माना जाता है इस पर श्री ब्रह्मा विष्णु और शिव जी का निवास होता है|