गुड़हल फूल के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण (Gudhal ke Fayde, Nuksan aur Aushadhiya Gun)

Join Us On Telegram

Gudhal ka phool के बारे में आपने जरूर सुना होगा। इसका उपयोग व्यापक तौर पर बहुत से क्षेत्रों में किया जाता है। इसके बहुत से फायदे हैं और कुछ नुकसान हैं। इसका उपयोग लोग सामान्यतः पूजा पाठ के रूप में करते हैं। आपने भी इस फूल को कभी पूजा में इस्तेमाल करते देखा ही होगा। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से इसके औषधीय गुण के बारे में विस्तृत रूप में से जानकारी देने वाले हैं।

इसका उपयोग बहुत सारे जड़ी बूटियों के रूप में किया जाता है। गुड़हल के बारे में हम आपको इसमें यह बताने वाले हैं कि इसका उपयोग किन किन चीजों में किया जाता है और इसके क्या फायदे है। इसमें से आप बहुत से बातों को नहीं जानते होगें की इसका उपयोग ऐसी चीजों में भी किया जाता है। यह जानकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

आयुर्वेद में गुड़हल के फूल(gudhal ka phool) को औषधि का एक अच्छा स्रोत बताया गया है। पतंजलि के अनुसार गुड़हल का उपयोग विभिन्न रोगों और उपचारों के रूप में किया जाता है। गुड़हल के फूल का उपयोग उपचार में, गंजेपन की समस्या से छुटकारा, बालों को बढ़ने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसे ही इसके और बहुत से उपयोग हैं जिसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको जानकारी देंगे। जिससे आप इसके उपयोग के बारे में जान सकें और भविष्य में इसका उपयोग सही जगह कर सकें। चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि यह क्या क्या उपचार में काम आता है।

Table of Contents

गुड़हल क्या है?(What is Gudhal in Hindi?)

गुड़हल एक सुगंन्धित फूल है यह लगभग 10 से 12 फीट तक हो सकता है। गुड़हल के पत्ते का रंग हरा होता है। इसका फूल लाल, हरा, बैगनी, सफेद लाल, नारंगी और भी कई सारे रंग होते हैं। इसे घरों के साथ साथ मंदिर और बगीचे में लगाया जाता है। इसकी Style, Stamen बाहर की ओर निकला हुआ होता है। यह विश्व के temperate, tropical और semi tropical क्षेत्रों में पाया जाता है। यह सभी गुणों से भरपूर तथा देखने में भी सुंदर लगते हैं। इसकी ज्यादातर किस्मों में फूल केवल अक दिन तक ही बरकरार रहते हैं उसके बाद अगले दिन से ही मुरझा जाते हैं।

Scientific nameHibiscus
FamilyMalvaceae
KingdomPlantae
OrderMalvales
SubfamilyMalvoideae
RankGenus

गुड़हल जाती की लगभग 200 से 220 प्रजातियां होती है। जिसमें से कुछ गुड़हल Annually और कुछ बहुवार्षिक(perennial) होते हैं। इसमें कुछ छोटी झाड़ियां और कुछ छोटे पौधे होते हैं। गुड़हल की प्रजातियों में से इनकी दो प्रजाति दक्षिण कोरिया एवं मलेशिया में राष्ट्रीय पुष्प के रूप में स्वीकार किया गया है। इसकी पत्तियां सरल, अंडाकार(egg-shaped) और भालाकार(lanceolate) होती हैं। इसमें जैसे ही फल परिपक्व होता है उसमे से बीज फुटकर बाहर आता है। 

इसको घरों ओर मंदिरों में इसकी सुंदरता के लिए खासकर उगाया जाता है। नींबू और पुदीने की तरह ही गुड़हल की चाय बनाया जाता है जो कि सेहत के लिए लाभदायक होता है। इसकी प्रजाति में से एक प्रजाति का उपयोग कागज बनाने में किया जाता है। अगर आप gudhal ka phool banana चाहते हैं तो आप इसको बना भी सकते हैं। अगर आप gudhal ke phool ka chitra देखना चाहें तो यहां देख सकते हैं। अगर आप जनाना चाहते हैं कि gudhal ka phool kaise hota hai तो यहां आपको हम चित्र के माध्यम से दिखाने वाले हैं।

गुड़हल के फूल कितने प्रकार के होते हैं?(Name of Gudhal in Different Languages)

गुड़हल के मुख्य रूप से दो प्रजातियां पाई जाती है। इसमें अलग अलग प्रकार के फूल होते हैं। इसमें अलग अलग जैसे – नीला गुड़हल, नारंगी गुड़हल, सफ़ेद गुड़हल, गुलाबी गुड़हल, पाउडर गुलाबी गुड़हल, पीला गुड़हल, बैंगनी गुड़हल, लाल गुड़हल होते हैं। इनकी दो प्रजाति हैं

  • Hibiscus rosa-sinensis Linn.
  • Malvaviscus arboreus Cav.

गुड़हल का फूल कैसे बनाएं(gudhal ka phool kaise banaye)

अगर आप गुड़हल बनाना चाहते हैं तो अगर आपका गुड़हल का कटिंग्स ट्रॉपिकल एरिया से लिया गया है तो आप उसे रेंत में पीट मांस में उगाएं। आप एक किसी भी कंटेनर वाली जगह में 3 भाग रेंत 1 भाग पीट मॉस का मिक्सचर बना सकते हैं। आप जिसमें यह उगा रहे हैैं उसमें आपको एक समान पानी देना होगा। और आप इसमें छेद करने के लिए कोई चीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर आपको आपकी गुड़हल की कटिंग को छेद में डाल सकते हैं और सभी तरफ बराबर में मिट्टी का उपयोग करें। इस तरह से आपका गुड़हल का फूल तैयार हो जाएगा।

गुड़हल के फायदे(Gudhal ke phool ke fayde)

गुड़हल एक ऐसा पौधा,फूल है जिसमे बहुत सारी औषधीय गुण मौजूद हैं। इसके कई सारे फ़ायदे हैं जिनके बारे में हम आपको बताने वाले हैं। अगर आप गुड़हल के फूल के बारे में कोई उपयोग जानते हैं तो आप हमें बता सकते हैं अगर कोई हमसे छूट जाए। इसमें हम आपको इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताने वाले हैं। चलिए देखते हैं कि इसके क्या क्या फायदे हैं।

त्वचा को गोरा करने के लिए गुड़हल का फूल

वास्तव में गुड़हल के फूल में कुछ ऐसे जरूरी Antioxidant और Anti aging गुण विद्यमान होते हैं जिसकी वजह से यह यह हमारे त्वचा को प्रोटेक्ट करने में मदद करता है। यह स्किन से सम्बन्धित समस्याओं जैसे कि किल, मुंहासे, दाग धब्बे, तथा त्वचा को गिरा करने के भी काम में आता है। गुड़हल का फूल हमारे चेहरे को हाइड्रेटेड रखने में भी काम आता है। इसका प्रयोग कई लोग गोरा होने के लिए करते हैं। इसे कई सारे beauty Product में इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारे चेहरे को डल होने से भी बचाता है।

अगर आप भी गोरा होना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल करके देख सकते हैं। यह हर स्किन के ऊपर अपना अलग प्रभाव डालती है। अगर आपका स्किन suitable होता है तब यह आपके लिए अच्छा काम कर सकता है। यह आपको सौंदर्य प्राप्ति में सहायता प्रदान करता है। इसका उपयोग गोरा होने के लिए कहीं कहीं किया जाता है।

बालों की समस्याओं के लिए gudhal ke phool ka tel

गुड़हल का फूल हमारे बालों को बढाने, ग्रोथ के लिए एक अच्छा उपया है। इससे बालों से जुडी हर समस्या का निवारण हो सकता है। जैसे कि यह झड़ते बालों को रोकने में मदद करता है। यह बालों कि मुलायम, मजबूत और चमकदार बनाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाते हैं।

गुड़हल का फूल सीधे आपके बालों के जड़ों तक जाता है और बाल को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। बालों की समस्या के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वालो में से एक है चीनी हिबिस्कस(हिबिस्कस रोजा-साइनेंसिस) जिसका उपयोग बालों कि समस्याओं के लिए व्यापक रूप में किया जाता है।

इस प्रॉडक्ट को हर्बल हिलर द्वारा प्रचार प्रसार किया जाता है। हर्बल हिलर एक अच्छी कंपनी के रूप में अच्छा प्रोडक्ट प्रोवाइड करती है। गुड़हल के फूल में विटामिन सी मौजूद होता है जो कि बालों को घना करने में सहायता प्रदान करता है। इस तेल को आप जैसे ही लगाने के लिए शुरूवात करते हैं यह आपको बालों को हैल्थी ग्रोथ देती है।

गर्भधारण रोकने के लिए गुड़हल का गुण लाभदायक 

यह गर्भधारण को रोकने के लिए इसमें लाभदायक गुण मौजूद होते हैं। आपको सबसे पहले अड़हुल के फूलों को एक बर्तन में पीस लेना है। इसमें आपको 50 ग्राम तक गुड़ मिला लेना है। इसको आपको मासिक धर्म के शुरू होने के पहले इसका सेवन करना है इसके गर्भधारण रुक जाती है। उसको गर्भधारण नहीं होता है। यह अनवांटेड प्रेगनेंसी को रोकने के लिए बहुत उपयोगी है। इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस बात जा भी ध्यान रखे की एक बार जरूर ही अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर वह आपको यह उपाय सजेस्ट करते हैं तभी आप ऐसे कामों को अंजाम दे अन्यथा नहीं।

मासिक धर्म विकार में गुड़हल से लाभ

इसका उपयोग मासिक धर्म के विकार को खत्म करने के लिए किया जाता है। आप इसमें गुड़हल को घी में तल दें। इसको यदि आप मिलाकर सेवन करते हैं तो मासिक धर्म शुरू हो सकता है। इसको शुरू करने से पहले आपको डॉक्टर से जरुर सलाह लेना चाहिए आपको डॉक्टर के सलाह से इसे प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलग अलग साइड इफेक्ट भी हों सकते है जिसके बारे में हम इसमें आगे बात करने वाले हैं। आपको जरूर ही इसके लाभ और हानि के बारे में जानकारी लेकर इसका उपयोग या इस्तेमाल करना चाहिए।

सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने में गुड़हल का फूल फायदेमंद

गुड़हल में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो कि आपको सेक्सुअल उत्तेजना को बडा देते हैं और आपके स्टेमिना को भी बढ़ाते हैं। जिससे आप ज्यादा समय तक इसका फायदा उठा सकते हैं। इसमें male एन्ड्रोजेन का काम करते हैं जिससे आपको सेक्सुअल स्टैमिना में बढ़ोतरी होती है। जिसका उपयोग आप संभोग के समय में करते हैं। यह उसके साथ पेट के उपचार व जलन में भी दर्द को कम करने में उपयोग में लाया जाता है।

नींद न आने की परेशानी में गुड़हल से लाभ 

नींद न आने की बीमारी को इंसोमिया कहते हैं। आप इसका उपयोग निंद्रा लाने के लिए कर सकते हैं। यह नींद लाने में बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। सबसे पहले इसके लिए आपको गुड़हल की पत्ती को धोकर साफ कर लेना है आपको पत्तियों और पंखुड़ियों को बारीकी से किसी बर्तन में पीस लेना है। आप इसको तेल में भी मिला सकते हैं यह तेल नारियल का तेल हो तो ज्यादा अच्छा साबित हो सकता है। आपको सोते समय हर रात इसे अपने सिर पर मालिश करना है जिससे आपको नींद में कोई समस्या नहीं आएगी और आप आराम से नींद का आनंद ले सकते हैं।

रूसी(Dandruff/ डैंड्रफ) की समस्या में गुड़हल के फायदे 

कई बार हमारे बालों में कई कारणों की वजह से हमारे बालों में Dandruff/ डैंड्रफ की समस्या हो जाती है। आप gudhal ka phool for hair के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको सबसे पहले gudhal ke phool ka powder बना लेना है। आपको इसका पेस्ट बनाने के लिए नींबू का रस मिलाकर कर पेस्ट बना लेना हैं फिर उसको बालों पर लगा लें और एक या दो घंटे के बाद बालों को धो लें। इससे आपकी Dandruff/ डैंड्रफ की समस्या दूर हो सकती है। यह आपको डैंड्रफ की समस्याओं से छुटकारा प्रदान करता है। अगर आपको भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके फायदे का लाभ उठा सकते हैं।

याददाश्त बढ़ाने के लिए गुड़हल का उपयोग

अगर आप चीजें जल्दी ही भूल जाते हैं आपको कोई भी चीज याद नहीं रहती है या आप जल्दी भूल जाते हैं। तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गुड़हल के काफी को पी सकते हैं इससे आपको फायदा मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप इसके फूल और गुड़हल के पत्ते के पाउडर को अगर आप दूध में मिलाकर पीते हैं तो आपकी याददाश्त में बढ़ोतरी होने की उम्मीद रहती है। अगर आप इसका सेवन लगातर करते है तो जरूर ही आपको इसका फायदा देखने को मिल सकता है। अगर आप भी भूलने कि समस्या से गुजर रहे हैं तो आप इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से लेे सकते हैं।

एनीमिया(खून की कमी) रोग में गुड़हल से लाभ 

अगर आपको खून की कमी है जिसे एनीमिया के नाम से जानते है तो आप गुड़हल के फूल से लाभ ले सकते हैं। यह बीमारी आपके शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है यह आपके आयरन की कमी को पूरा करने में मदद कर सकती है। लोग एनीमिया से परेशान व्यक्ती को गुड़हल के फूल को उपयोग करने की सलाह देते हैं। गुड़हल के फूल में आयरन मौजूद होता है जो कि आपके शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। आप इससे भरपूर फायदा उठा सकते हैं। आपको इसका पेस्ट बना लेना है और लगातार ही कुछ दिनों तक सेवन करना है जिससे आपको खून कि कमी कि समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। आप इसको लेने से पहले ही अपने डॉक्टर से सलाह और कंसल्टेशन लें सकते हैं।

ल्यूकोरिया के इलाज में गुड़हल से लाभ

यह एक Multipurpose गुड़हल है इसका उपयोग ल्यूकोरिया की बिमारी को दुर करने के लिए भी किया जाता है। आप इसके लिए इसके फूल को पीस कर दूध के साथ लेे सकते हैं। ल्यूकोरिया की बीमारी को दूर करने के लिए आप भोजन के साथ दूध का उपयोग कर सकते हैं इससे आपको इसका सही फायदा मिल सकता है। अगर आप ऐसे ही कुछ समय तक रूटीन रखें तो आपकी ल्यूकोरिया का इलाज गुड़हल और दूध के सेवन से ही सकता है।

गुड़हल के औषधीय गुण से मुंह के छाले की बीमारी का इलाज 

अगर आपको मुंह के छाले के संबंध में समस्या होती है तो आप गुड़हल के पत्ते को चबा सकते हैं। इससे मुंह के छाले धीरे धीरे कम सकते हैं। आपको हर दिन कम से कम गुड़हल के 4-5 पत्ते चबाने हैं। इससे आपका यह समस्या दुर हो सकता है। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो यह आपके पाचन क्रिया कोंभी सुधारने का काम करती है। गुड़हल में कुछ ऐसे चीजें मौजूद होती है जो आपको फैट बर्न करने में हेल्प करती है। इससे आप वजन भी कम कर सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज ओर हाई ब्लड प्रेशर की भी समस्या है तो आप इसका रेगुलर सेवन करके इससे आप छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। आपको यह सारी चीजे अपने डॉक्टर के सलाह से ही करनी है।

गुड़हल के औषधीय गुण से पेट दर्द से आराम

अगर आप पेट की दर्द से परेशान हैं तो पेट की दर्द कि निवारण के लिए आप 5-10 मिली गुड़हल के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। अगर आप इसका सेवन लगातार कुछ दिनों के लिए करते हैं तो आप पेट की दर्द कि समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अगर आप कभी भी पेट की दर्द कि समस्या से गुजर रहे हो तो आप गुड़हल का उपयोग कर सकते हैं। चलिए आगे देखते हैं कि आपको यह क्या क्या समस्याओं से छुटकारा दे सकता है।

सिर दर्द से आराम पाने के लिए गुड़हल का सेवन 

अगर आप सिर दर्द की समस्या से गुजर रहे हैं तो आप सिर गुड़हल का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए आपको सबसे पहले गुड़हल के बहुत सारे पंखुड़ी को लेना है और उसे आप नींबू के रस में भिगोकर रात भर किसी खुले स्थान पर रात भर के लिए रख देना है। उसके बाद आप इसके पत्तों और फूलों को पीसकर आपके सिर दर्द वाले जगह पर लगाए आपको जरूर ही आराम मिल सकता है आप इसका इस्तेमाल सूजन में भी कर सकते हैं। आप ऐसा करने से पहले जरुर ही एक बार अपने पास के नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेकर यह कार्य करें। क्युकी इसके बहुत सारे साइड इफेक्ट हो सकते हैं जिसके बारे में शायद आपको पता नहीं हो सकता है जिसको आपका डॉक्टर जरुर ही बता देगा। इससे आप इसके प्लस और माइनस दोनो चीजों के बारे में जानकारी मिल जाएगी 

बुखार में गुड़हल के सेवन से लाभ

गुड़हल के फूल ने कुछ ऐसे जरूरी औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो कि बुखार को कम करने के लिए अथवा दुर करने के लिए किया जाता है। यह बहुत से कामों में इस्तेमाल किया जाता है। यह आपको वजन कम करने में भी मदद करता है। अगर आपके शरीर में अपच और बैचनी महसूस हो रही हो तो उसे भी कम करती है। अगर आप कभी ऐसी समस्याओं का सामना करें तो गुड़हल के फूल को औषधि के रूप में निदान के लिए उपयोग कर सकते हैं।

खांसी और जुकाम में गुड़हल के सेवन से फायदा 

इसमें अत्यधिक मात्रा में आयरन की मात्रा मौजूद होती है जिस कारण से अगर आप इसका सेवन चाय या और किसी माध्यम से करते है तो यह आपके खांसी और जुखाम को कम कर सकता है। अगर आप इसका इस्तेमाल रोज दिन करते हैं तो यह आपको सर्दी की समस्या से जल्दी छुटकारा दिला सकता है। आपको इसको दिन में डॉक्टर की consultation के साथ दिन में 2 या 3 बार सेवन कर सकते हैं। आप इसे दूध के साथ, चाय के साथ या फिर काफी के साथ उपयोग कर सकते हैं। 

आंखों की जलन में अड़हुल का औषधीय गुण लाभदायक

आपको अगर आखों में जलन महुसूस ही तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर आप घरेलू उपाय ढूंढ रहे हैं तो आप गुड़हल, अड़हुल का सेवन कर सकते हैं। आपको इसके बहुत सारे पंखुड़ी को नींबू के रस में भिगोकर एक बर्तन में रातभर बाहरी जगह में रख देना है जहां पर खुला स्थान हो उसके बाद आप उसे सुबह उसे मसलकर छान लें ओर उसको बार बार पीते रहने से आपकी आंख कि जलन कम हो सती है। इसको करने से पहले आपको एक बार अवश्य ही डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।

दस्त रोकने के लिए गुड़हल का उपयोग (Benefits of Hibiscus Plant to Stop Diarrhea in Hindi)

अगर आपको कभी भी दस्ट की समस्या परेशान कर रही हो और आप घरेलू उपचार ढूंढ रहे हैं तो दस्ट को रोकने के लिए आपको 5 से 10 मिली गुड़हल के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे आपके दस्त की समस्या दुर हो सकती है आपको राहत महसूस हो सकती है। ऐसा करने से पहले आपको डॉक्टर से परामर्श जरुर केना है इसके कई सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं जो आपको हानि पहुंचा सकते हैं जिसके बारे में आपको डॉक्टर सलाह ओर सुरक्षा के लिए चेतावनी देगा। चलिए आगे देखते हैं।

बवासीर का इलाज करने के लिए अड़हुल का उपयोग(Benefits of Gudhal in Piles Treatment in Hindi)

अगर आप बवासीर से परेशान हैं और इसका इलाज ढूंढ रहे हैं और आपको ऑपरेशन से दर लगता है। तो आप अड़हुल, गुड़हल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको बवासीर की इलाज में आपकी मदद करेगा। यह आपको जल्द से जल्द बवासीर की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए आपको घी में गुड़हल के पट्टी को उसमे तलना है। साथ ही साथ इसमें आपको मिश्री और नागकेशर मिला सकते हैं। यह आपके सेवन करने के प्रक्रिया को स्मूथ रखेगा। आपको यह गंदा नहीं लगेगा आपको इसकी मिठास का पता चलेगा इसकी कड़वाहट का नहीं। अगर आप इसको सुबह शाम सेवन करते हैं तो इससे पेचिस और बवासीर से आपको लाभ मिलता है। 

सुजाक रोग में गुड़हल का औषधीय गुण फायदेमंद(Gudhal Flower Uses in Gonorrhea Treatment in Hindi)

अगर आप सुजाक से परेशान हैं तो आप इसके लिए औषधि के रूप में गुड़हल का उपयोग कर सकते हैं। आपको सबसे पहले गुड़हल की पत्ती को साफ पानी से छान लेना है ओर उसके बाद उसको बारीक रूप से पीस केना है। आप इसमें इसके मिठास के लिए मिश्री ओर यवक्षार अपने अनुसार मिला सकते हैं। अगर आप इस बने हुई रस को सुबह शाम सेवन करते  हैं तो आप सुजाक रोग से छुटकारा पा सकते हैं। इससे आपको एक अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। इसके लिए जरुर ही आप वैद्य या डॉक्टर या फिर कोई जानकर आदमी से जरुर ही सलाह लेना है। 

ह्रदय संबंधित रोगों में अड़हुल के सेवन से लाभ(Gudhal Flower is Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

यह एक बहुत बड़ी समस्या है इसके लिए सर्वप्रथम आपको डॉक्टर से जरुर ही परामर्श लेना चाहिए। यह एक जरुर ही लाभकारी है लेकिन आपको अल scientific अप्रोच लेना है क्युकी यह एक major health problem होता है। अगर डॉक्टर आपको इसके लिए सलाह देता है तो आपको हृदय रोग से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले अड़हुल के फूल को एक बर्तन में रख दें उसके बाद उसमे नींबू के रस को निचोड़े और उसे रात भर बाहर रख दें ओर जैसे ही सुबह होता है आपको उसका पेस्ट बनाकर उसे सुबह दिन में कम से कम दो से तीन बार सेवन करें ऐसे हर रोज करते करते आपकी हृदय की यह समस्या खत्म हो सकती है।

पाचनतंत्र विकार में अड़हुल के सेवन से फायदा (Benefit of Arhul Flower in Indigestion in Hindi)

अगर आपका पाचन अच्छे से नहीं हो रहा है और आपको इससे परेशानी हो रही है तो आप इसको दुर करने के लिए गुड़हल के फूल को लेकर एक जार में रख सकते हैं और उसमें नींबू का रस मिलाकर रात भर उसको खुली जगह पर रख दे। आप इसमें स्वाद के अनुसार चीनी ओर कुछ मिला सकते हैं इसके मिठास के लिए। उसके बाद इसे बोतल में बंद करके दो दिन तक इसे धूप में रखें। इस समय में आप कुछ समय के बाद बोतल को हिलाते रहें। यह अच्छी तरह से मिक्स हो जाता है और एक सरबत बन जाता है। अगर आप इसे पीते हैं तो इससे आपका पाचनतंत्र ठीक हो सकता है।

ये भी पढे:- LIC Merchant india क्या है | एलआईसी मर्चेंट पोर्टल कैसे Login करे?

गुड़हल के उपयोगी भाग 

गुड़हल का प्रयोग अलग अलग जगह और साथ ही साथ अलग अलग एरिया में किया जाता है। इसका हर भाग उपयोगी है जिसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं। चालिए देखते हैं कि इसका कौन कौन सा भाग उपयोगी होता है जिसका इस्तेमाल किया जाता है।

  • फूल
  • फूल की कलियां
  • पत्ते
  • जड़

गुड़हल के फूल का पाउडर(gudhal ke phool ka Powder)

अगर आप गुड़हल का पाउडर बनाना चाहते हैं और जनाना चाहते हैं को इसे कैसे बनाया जाता है और इसका पाउडर का क्या क्या उपयोग किया जाता है तो इसमें हम आपको सभी चीजों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आपको पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले आपको अच्छे से धोकर इसे धूप में सूखा दें। आप इसे कम से कम एक या दो दिन तक धूप में सुखाए और उसके बाद पंखे के हवा में भी सूखा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इसमें पानी या नमी ना पहुंच सके। जब यह अच्छे से सुख जाए तो आप इसे अच्छी तरह से पीस लेे और इस तरह से आपका पाउडर तैयार हो जाता है।

इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और आयरन जैसे बहुत सारे गुण मौजूद होते हैं जो कि बहुत सारे उपचार में काम आता है इस कारण से इसे पाउडर के रूप में संभाल कर रखा जाता है। इसे अलग अलग बिमारी से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

गुड़हल के साइड इफेक्ट, नुकसान

गुड़हल के फायदे के बारे में हमने बहुत सारी चीजों के बारे में जाना है लेकिन अगर हम इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में बात नहीं करते हैं तो यह सही नहीं होगा इस कारण चलिए हम इसके कुछ साइड इफेक्ट्स और नुकसान के बारे जानते हैै। इसके साइड इफेक्ट निम्न हैं –

  • इससे सिरदर्द या चक्कर आ सकता है।
  • इससे आपको ज्यादा नींद आ सकती है।
  • इससे low blood pressure हो सकता है।
  • इसके कारण आपके पेट में दर्द हो सकता है।
  • इससे आपको उल्टी और मतली हो सकता है।
  • इससे आपके सीने में जलन सा लग सकता है।
  • अलर्जी हो सकता है।

गुड़हल कहां पाया या उगाया जाता है?

गुड़हल के फूल को बग बगीचे में और साथ है साथ मंदिरों में उगाया जाता है। यह समशीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय और अर्द्ध उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। अगर आप चाहे तो घर में ही gudhal ka phool banane ka tarika जान सकते हैं। आप घर पर gudhal ke phool ka chitra भी बना सकते हैं। Gudhal ka phool painting कर सकते हैं।

गुड़हल से बने पतंजलि उत्पाद कहां से खरीदें?

अगर आप केवल पतंजलि से बने उत्पाद को खरीदना चाहते हैं तो आप हमारे दिए गए लिंक से जाकर ख़रीद सकते हैं। पतंजलि एक नामी कंपनी है जो नेचुरल प्रोडक्ट का निमार्ण करती है। चलिए देखते हैं कि उनके वेबसाइट पर कौन कौन से प्रोडक्ट लिस्टेड हैं।

गुड़हल का फूल खाने से क्या फायदे होते हैं?

Gudhal ke phool khane se kya hota hai अगर आप भी यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि इसमें बहुत सारे फ़ायदे होते हैं जैसे कि यह आपके शरीर में आयरन की कमी को पुरा करती है। यह आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इससे बालों का झड़ना बंद हों सकता है, त्वचा की दाग धब्बे से दूर करता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। वजन घटाने में सहायता करता है। यह आपको बुखार, सर्दी, खांसी जैसे समस्याओं से लड़ने में मदद करता है। अगर आप इसे सुबह खाली पेट में सेवन करते हैं तो इससे आपका वजन कम होता है। यह आपके लिवर को सेहतमंद रखने में लाभदायक है।

गुड़हल के फूल का सेवन कैसे करें?

गुड़हल के फूल का सेवन करने के लिए सबसे पहले आपको उसे कलियों को सुखाकर पीसना होता है फिर वह एक पाउडर बन जाता है। आप इसे फिर नियमित रूप से हर दिन सेवन कर सकते हैं। इससे आपको बहुत फायदा मिलता है। तो जरूर ही आप इसका सेवन कर सकते हैं। इससे आपका सेहत अच्छा रहता है।

गुड़हल का फूल कैसे बनाया जाता है?(Gudhal ka phool kaise banta hai)

अगर आप इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप इसको पाउडर के रूप में बाज़ार से खरीद भी सकते हैं लेकिन अगर घर पर इसे बनाना चाहते हैं तो आप इसे बना भी सकते हैं। इसे पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले आपको गुड़हल के फूल को पानी से अच्छी तरह से धोना होगा उसके बाद आपको उस एक या दो दिन तक अच्छी तरह से धूप में सुखना है। जब वह सुख जाता है तब उसको मिक्सी की सहायता से अच्छी तरह से पीस लेना है ध्यान रहे कि आपको उसको पूरी तरह सुखाना है उसमे किसी तरह कि नमी मौजूद नहीं होना चाहिए। इस तरह से आप कभी भी गुड़हल का पाउडर बना सकते हैं। चलिए आगे इसके कुछ अलग अलग नामों के बारे में जानते हैं कि इसे क्या क्या नाम से जाना जाता है।

अन्य भाषाओं में गुड़हल के नाम

इसे अलग अलग भाषा में क्या क्या बोला जाता है चलिए जानते हैं।

English: शू फ्लावर(Shoe Flower), रोज मैलो(Rose mallow), रोज आफ चाइना(Rose of china), गार्डन हिबिस्कस(Garden hibiscus), चाइना रोज(China rose)

Hindi: जवा, ओड्रहुल, अढ़ौल, गुड़हल, जवाकुसुम, अड़हुल के नाम से जाना जाता है।

Sanskrit: औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या

Kannada: दासणिगे(Dasnigae), दसवला(Dasavala)

Marathi: जास्वन्द(Jasavanda), जासवन्दी(Jaswandi)

इसे अलग अलग भाषा में अलग अलग नामों के नाम से जाना जाता है। यह बहुत ही वाइड रेंज एरिया में पाया जाता है। हालाकि इनकी प्रजाति अलग अलग जगह भिन्न प्रकार का होता है।

सारांश(Conclusion):

गुड़हल जो कि एक बहुत अच्छा औषधि उपचार है जिसके बारे में हमने डिटेल रूप में हमने जाना है इसमें हमने इसके अलग अलग प्रकार के नामों के बारे में जाना है, क्या आप इन नामों के बारे में जान रहे थे। इसमें हमने इसके वैज्ञानिक नाम और इसकी फैमिली के बारे में जाना है। यह कितने प्रकार का होता है। इसमें हमने इसके सभी आयुर्वैदिक उपचार के बारे ने बात की है। गुड़हल के पाउडर बनाने के विधी के बारे में जाना है। इसके अनेक लाभ हैं। इसलिए यह एक आयुर्वैदिक उपचार माना जा सकता है। अगर आप इसे पढ़कर sapne me gudhal ka phool dekhna होता है। तब जरूर ही इसका इस्तेमाल करके देखना चाहिए।

गुड़हल के फूल से सम्बन्धित महत्तवपूर्ण प्रश्न(FAQs):

गुड़हल के फूल का इंग्लिश नाम क्या है?

गुड़हल का फूल का नाम इंग्लिश में बहुत सारे होते हैं जो कि निम्न हैै – शू फ्लावर(Shoe Flower), रोज मैलो(Rose mallow), रोज आफ चाइना(Rose of china), गार्डन हिबिस्कस(Garden hibiscus), चाइना रोज(China rose)

क्या हम रोज गुड़हल के फूल खा सकते हैं?

हालाकि इसका उपयोग ज्यादातर सौंदर्य के रूप में उपयोग में लाया जाता है। आप इसे डायरेक्ट ही खा सकते हैं लेकिन इसका उपयोग चाय, काफ़ी और दूध के साथ खाने में किया जाता है। आपमें कोई अच्छा बदलाव आ रहे हैं तो आप पास के किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेकर हर दिन ही इसका सेवन कर सकते हैं।

गुड़हल से क्या नुकसान होता है?

गुड़हल से बहुत सारे फ़ायदे के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। इसके कुछ नुकसान है जैसे – सिरदर्द या चक्कर आना
,ज्यादा नींद आना या उनींदापन,निम्न रक्तचाप हो जाना, पेट में दर्द, सीने में जलन, मतली या उल्टी, एलर्जी इत्यादि।

गुड़हल का फूल कहाँ मिलता है?

गुड़हल का फूल पूरे भारत देश में देखने को मिल सकता है। यह हर एरिया में मिलता है। इसे स्कूल, कॉलेज, घरों, मंदिरों, बगीचों में उगाया जाता है। अतः यह ज्यादातर ऐसे ही जगह पर मिलते हैं।

गुड़हल में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

गुड़हल में विटामिन सी मौजूद होता है जिससे आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है। इसमें कुछ मात्रा में फाइबर इत्यादि भी होते हैं। जिस कारण से यह एक औषधीय रूप में माना जाता है।

गुड़हल के औषधीय गुण क्या हैं?

गुड़हल के बहुत सारे औषधीय गुण हैं जिको हमने विस्तार से हमारे आर्टिकल में समझाया है इसे संझिप्त में समझना हो तो इसमें आपके शरीर में आयरन की कमी को पुरा करती है। यह आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इससे बालों का झड़ना बंद हों सकता है, त्वचा की दाग धब्बे से दूर करता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। वजन घटाने में सहायता करता है। यह आपको बुखार, सर्दी, खांसी जैसे समस्याओं से लड़ने में मदद करता है। अगर आप इसे सुबह खाली पेट में सेवन करते हैं तो इससे आपका वजन कम होता है। यह आपके लिवर को सेहतमंद रखने में लाभदायक है।

गुड़हल के फूल को चेहरे पर कैसे लगाएं?

अगर आप गुड़हल के फूल को चेहरे पर लगाना चाहते हैं और अपनी त्वचा को गोरा करना चाहते हैं तो इसको लगाने के लिए सबसे पहले आपको आपकी कोमल त्वचा को पानी से साफ करना है। फिर अपने हाथों से गुड़हल के बने स्क्रब से अपने चहरे पर उसको लगाएं। 5 से 7 मिनट तक स्क्रब करने के बाद अपना चेहरा गुनगुने पानी से धो लें इससे आपको हाइड्रेटेड स्किन मिलेगा।

गुड़हल का फूल बालों में लगाने से क्या होता है?

गुड़हल का फूल बालों कि मुलायम, मजबूत और चमकदार बनाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाते हैं। गुड़हल का फूल सीधे आपके बालों के जड़ों तक जाता है और बाल को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। बालों की समस्या के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वालो में से एक है चीनी हिबिस्कस(हिबिस्कस रोजा-साइनेंसिस) जिसका उपयोग बालों कि समस्याओं के लिए व्यापक रूप में किया जाता है

गुड़हल के फूल का तेल कैसे बनाएं?

अगर गुड़हल का फूल का तेल आप बनाना चाहते हैं तो हमने आपको इसके बारे में हमारे आर्टिकल में डिटेल रूप से समझाया है लेकिन ब्रेफ्ली तरीके से जानना चाहें तो इसे सबसे पहले आपको धोना होता है फिर उसको सुखना होता है। फिर उसको मिक्सी की सहायता से बारीक पीस लिया जाता है। फिर उसमे आप नारियल या दूसरा कोई तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

गुड़हल के फूल की चाय कैसे बनती है?

अगर आप गुड़हल का चाय बनाना चाहते हैं तो आपको हमारे प्रोसेस को फॉलो करना होगा। सबसे पहले आपको एक बर्तन पर पानी डालकर चूल्हे पर लगा देना है। फिर सूखे गुड़हल के फूल को बर्तन में डालना है। उसके बाद गर्म किए हुए पानी को बर्तन में डालना है जिसमे आपने गुड़हल का फूल डाला हुआ है। फिर आपको उसको तब तक रखना है जब तक चाय लाल न हो जाएं। आप इसे छान लें ओर अपने स्वाद अनुसार इसमें सक्कर डाल सकते हैं।

Leave a Comment