जोशीमठ में भूधंसाव के कारण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो चुके दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने की कार्रवाई आज से शुरू कर दी गई है।
एनडीआरएफ की टीम मौके पर माैजूद है। वहीं प्रशासन द्वारा अनाउंसमेंट कर आसपास के लोगों को हटाया गया। इस दौरान लोगों से गिराए जाने वाले भवनों से दूर रहने की अपील की गई।
मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने एएनआइ समाचार एजेंसी से कहा है कि अगर होटल जनहित में गिराया जा रहा है तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं।
भले ही मेरे होटल में आंशिक दरारें ही क्यों न हों। लेकिन मुझे नोटिस दिया जाना चाहिए था और मूल्यांकन किया जाना चाहिए था। मैं मूल्यांकन के लिए आग्रह करता हूं।
सोमवार शाम सीबीआरआइ के विज्ञानी ने प्रशासन के साथ दोनों होटलों का मौका-मुआयना किया। मंगलवार को टीम के सभी सदस्यों के पहुंचने के बाद ध्वस्तीकरण को लेकर रणनीति बनाई गई।
वहीं समाचार न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार जोशीमठ भूधंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करने वाली याचिका की जल्द सुनवाई से सु्प्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है।
बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा से कहा कि वह मंगलवार को इस मामले को मेंशन करें।
जोशीमठ में आई आपदा के बाद पीड़ितों की मदद के लिए पतंजलि योगपीठ आगे आया है। मंगलवार को जोशीमठ के लिए राहत सामग्री से भरे दो ट्रक रवाना किए गए।
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