शिकायत लेकर पीएससी आने वाली पहली मरीज थी. उनकी ओपीडी पर्ची पर दवाइयां हिंदी में डॉक्टर के द्वारा लिखी गई थी डॉक्टर सर्वेश ने बताया कि रविवार को वह टेलीविजन पर अमित शाह का कार्यक्रम आ रहा था.
मध्य प्रदेश में हुए कार्यक्रम में विमोचन किया. और उसके तुरंत 1 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा भी एक कार्यक्रम में कहा गया.
कि दवाई की पर्ची पर दवाइयों के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते. इसमें क्या हमें अपनी भाषा को प्रदर्शित करने में परेशानी क्यों दर्शाने चाहिए
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के नुस्खे हिंदी में लिखने का प्रयास काफी हद तक हमें करना चाहिए मेरे मन में इसी बात का विचार आया
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