यदि सौर उर्जा की खपत को लेकर आज जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक एशिया महाद्वीप के सात प्रमुख देशों में सौर उत्पादन के जरिए जनवरी से जून 2022 

तथा वही यदि लगभग 34 अरब डॉलर की संभावित जीवाश्म ईंधन की लागत बची है। तथा यह इस अवधि के दौरान कुल जीवाश्म ईंधन लागत के नौ प्रतिशत के बराबर है।

तथा भारत ने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अपने बढ़ते कदमों का ही एक बड़ा कमाल दिखाया है। यदि दरअसल, भारत ने साल 2022 की पहली छमाही में सौर उर्जा उत्पादन के भी बढ़ी है 

जिसके कारण 1.94 करोड़ टन कोयले की बचत की है। एक ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। तथा इसमें बताया गया है  

solar powered generator

कि कोयले के साथ ही हमारे देश भारत में ईंधन का ही एक ही लागत में 4.2 अरब डॉलर की बचत की है। दरअसल, गुरुवार को एनर्जी थिंक टैंक एम्बर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी  

वही यदि एंड क्लीन एयर और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। 

इसमें इस बात का खुलासा यह  हुआ है कि 2022 की पहली छमाही में सौर उत्पादन के कारण ईंधन लागत में 4.2 बिलियन यानी की  तकरीबन 32,603 करोड़ रुपये की बचत हुई है।  

एनर्जी थिंक टैंक एम्बर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस ने अपने विश्लेषण के बाद यह भी बताया है 

इसलिए यह वह अवधि  है जिसके दौरान कुल जीवाश्म ईंधन लागत के नौ प्रतिशत के बराबर है। इन सात देशों में भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, फिलीपीन और थाईलैंड भी शामिल हैं  

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