जैसा की आपको बता दे की इलेक्ट्रिक वाहनों की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। ऐसे में Volvo के सीईओ जिम रोवन का मानना है  

जिसमे ईवी की कीमतें आने वाली साल 2025 तक इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) वाले वाहनों के बराबर हो जाएंगी। कोविड -19 महामारी के बाद के मौजूदा समय में सेमिकंडक्टर की कमी पैदा हुई है  

तथा ईंधन की बढ़ते हुए कीमतों के साथ ही सप्लाई चेन की रुकावटें हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में बढ़ोतरी हुई है, 

इसी बीच रिपोर्टों के मुताबिक, रोवन ने कहा कि ऑटो कंपनियों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए तथा उन्हें अपने ईवी उत्पादन की  

और इसी योजना के कारण से ही  बनाने की जरूरत है कि ग्राहक उन्हें वहन कर सकें। वोल्वो के सीईओ ने कथित तौर पर कहा

"हमें लगता है कि हमें 2025 तक इस कीमतों में समानता मिल सकती है। वही जहां पर्याप्त तकनीक होगी और जो की बैटरी की लागत को कम भी  कर रही है। 

वही ईवी का सबसे महंगा हिस्सा बैटरी भी है जो रोवन का मानना है कि टेक्नोलॉजी की प्रगति से, बिना रेंज को प्रभावित किए है   

तथा वही यदि इसकी बैटरी का कम इस्तेमाल होगा, जो फिलहाल दूर की कौड़ी लगता है। सीईओ ने कम कीमतों के साथ छोटे इलेक्ट्रिक वाहन रखने की जरूरत का भी जिक्र किया। 

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