आपको बता दे की बचपन से ही विज्ञान से प्रेरित विक्रम ने दो इंजीनियरों के साथ एक बार पटरियों के साथ एक लघु भाप इंजन बनाया, जिसे बाद में अहमदाबाद में सामुदायिक विज्ञान केंद्र (सीएससी) में रखा गया।
तथा महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू, मोती लाल नेहरू और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई नेता साराभाई के घर बहुत बार आते थे
क्योंकि यह परिवार देश के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल था। ऐसा इसलिए क्योंकि इसने विक्रम साराभाई के व्यक्तित्व को आकार देने में युवा दिमाग को प्रभावित किया।
तथा आपको बता दे की अहमदाबाद के गुजरात कॉलेज से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. विक्रम साराभाई इंग्लैंड चले गए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सेंट जॉन कॉलेज में दाखिला लिया।
वही 1940 में उन्होंने कैम्ब्रिज से प्राकृतिक विज्ञान में ट्रिपो प्राप्त किया। जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो वे घर लौट आए
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